बैंक-बीमा से देर से पॉलिसी सरेंडर करने पर मिलेगा ज्यादा मूल्य, इरडा ने अधिसूचित किए नियम, पढ़ें खबर

पॉलिसीधारक जितनी देर से अपनी जीवन बीमा पॉलिसी सरेंडर करेंगे, उन्हें उतना ही ज्यादा मूल्य मिलेगा। इसके लिए भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने विभिन्न नियमों को अधिसूचित किया है। इसमें बीमा पॉलिसी वापस या सरेंडर करने से जुड़ा शुल्क भी शामिल है। बीमा कंपनियों को ऐसे शुल्कों का खुलासा पहले ही करना होता है। ये नियम एक अप्रैल, 2024 से प्रभाव में आएंगे। इरडा (बीमा उत्पाद) विनियमन-2024 के तहत छह नियमों को एक एकीकृत ढांचे में मिलाया गया है। इसका मकसद बीमा कंपनियों को उभरती बाजार मांग के अनुसार तेजी से कदम उठाने में सक्षम बनाना, कारोबार सुगमता बेहतर करना व बीमा को बढ़ावा देना है।

ऐसे समझें

  • नए नियम के तहत अगर पॉलिसी खरीद के तीन साल के भीतर लौटाई या वापस की जाती है, तो सरेंडर मूल्य समान या उससे भी कम रह सकता है। पॉलिसी को चौथे से सातवें वर्ष तक वापस करने पर सरेंडर मूल्य में मामूली वृद्धि हो सकती है।

 

  • सरेंडर मूल्य का मतलब बीमा कंपनियों के पॉलिसीधारक को परिपक्वता तिथि से पहले पॉलिसी समाप्त करने पर भुगतान की गई राशि से है। अगर पॉलिसीधारक पॉलिसी अवधि के बीच सरेंडर करता है तो उसे कमाई और बचत हिस्से का भुगतान किया जाता है।

34 की जगह छह नियम, दो नए

  • इरडा ने कहा, यह नियामकीय व्यवस्था में महत्वपूर्ण कदम है। इसमें 34 नियमों को छह नियमों के साथ बदला गया है। साथ ही, नियामकीय परिदृश्य में स्पष्टता को लेकर दो नए नियम लाए गए हैं।

 

  • बीमा नियामक ने कहा, नए नियम का मकसद पॉलिसी वापसी पर गारंटीशुदा मूल्य और विशेष वापसी मूल्य से जुड़े नियमों को मजबूत करना है।

 

  • इसमें यह भी सुनिश्चित किया गया है कि बीमाकर्ता प्रभावी निगरानी और उचित जांच-परख के लिए ठोस गतिविधियां अपनाए।

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