हनीमून पर गए डॉक्टर ने अपनी पत्नी के साथ किया ऐसा , जानकर चौक जाएंगे आप

जर्मनी के एक स्त्री रोग विशेषज्ञ पर अपनी पत्नी का खतना करने के आरोप दर्ज किए गए हैं। आरोप हैं कि इस डॉक्टर ने अपने हनीमून पर सामान्य कैंची से ही पत्नी का खतना कर दिया।

हेल्मश्टेट शहर में अदालत के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि डॉक्टर पर मारपीट और जोर-जबर्दस्ती करने का मुकदमा दर्ज करने की प्रतिक्रिया शुरू की गई है। आरोप है कि इस डॉक्टर ने होटल के कमरे में ही यह सर्जरी की। इसके लिए अनस्थीसिया तक इस्तेमाल नहीं किया गया। इस कारण महिला को भयंकर पीड़ा सहनी पड़ी और बहुत मात्रा में रक्तस्राव भी हुआ। प्रॉसीक्यूटर्स ऑफिस के हान क्रिस्टियान वॉल्टर्स ने बताया कि महिला उस वक्त 31 वर्ष की थी।

वॉल्टर्स के मुताबिक महिला इस सर्जरी के लिए इसलिए राजी हुई क्योंकि उसे तलाक की धमकी दी गई थी, जिसका अर्थ उसके लिए सामाजिक बहिष्कार होता। यहां आज भी होता है महिलाओं का खतना अधिकारियों के मुताबिक ये दोनों पति-पत्नी जर्मन हैं लेकिन उनका संबंध अन्य संस्कृतियों से है। जब महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई तो अधिकारियों ने जांच शुरू की। वैसे कोर्ट के एक प्रवक्ता ने बताया है कि औपचारिक तौर पर आरोप दर्ज करने को लेकर फिलहाल कोई फैसला नहीं किया गया। आरोपी डॉक्टर ने इस मामले पर फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं की है।

कड़वी हकीकत है महिला खतना दुनियाभर में कई संस्कृतियों में महिला खतना की परंपरा है। हालांकि कई सरकारें इस परंपरा को खत्म करने के लिए कानूनी और अन्य तरीके आजमा रही हैं। जर्मनी में अगर कोई महिला खतने का दोषी पाया जाता है तो उसे कम से कम एक साल की जेल हो सकती है। फीमेल जेनिटल म्यूटिलेशन (एफजीएम) या आसान भाषा में कहें तो महिला खतना पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोक के बावजूद दुनिया के कई देशों में यह एक हकीकत है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस परंपरा के खिलाफ लंबा अभियान चलाया है। इसके बावजूद दुनिया भर में लगभग 20 करोड़ महिलाओं और लड़कियों का खतना हुआ है। माना जाता है कि अफ्रीका में हर साल तीस लाख लड़कियों पर इसका खतरा मंडरा रहा है। समझा जाता है कि कम से कम 30 अफ्रीकी देशों, यमन, इराकी कुर्दिस्तान और इंडोनेशिया में महिला खतना ज्यादा चलन में है। वैसे भारत समेत कुछ अन्य एशियाई देशों में भी इसके मामले मिले हैं। औद्योगिक देशों में बसी प्रवासी आबादी के बीच भी महिला खतना के मामले देखे गए हैं। यानि नए देश और समाज का हिस्सा बनने के बावजूद कुछ लोग अपनी पुरानी रीतियों को जारी रखे हुए हैं। जिन देशों में लगभग सभी महिलाओं को खतना कराना पड़ता है, उनमें सोमालिया, जिबूती और गिनी शामिल हैं।

महिला खतना कई तरह का होता है। लेकिन इसमें आम तौर पर क्लिटोरिस समेत महिला के जननांग के बाहरी हिस्से को आंशिक या पूरी तरह हटाया जाता है। कई जगह योनी को सिल भी दिया जाता है। लड़कियों का खतना शिशु अवस्था से लेकर 15 साल तक की उम्र के बीच होता है। आम तौर पर परिवार की महिलाएं ही इस काम को अंजाम देती हैं। साधारण ब्लेड या किसी खास धारदार औजार के जरिए खतना किया जाता है। हालांकि मिस्र और इंडोनेशिया जैसे देशों में अब मेडिकल स्टाफ के जरिए महिलाओं का खतना कराने का चलन बढ़ा है। महिला खतने का चलन मुस्लिम और ईसाई समुदायों के अलावा कुछ स्थानीय धार्मिक समुदायों में भी है। आम तौर पर लोग समझते हैं कि धर्म के मुताबिक यह खतना जरूरी है लेकिन कुरान या बाइबिल में ऐसा कोई जिक्र नहीं है। माना जाता है कि महिला की यौन इच्छा को नियंत्रित करने के लिए उसका खतना किया जाता है। लेकिन इसके लिए धर्म, परंपरा या फिर साफ सफाई जैसे कई और कारण भी गिनाए जाते हैं।

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