महाभियोग झेल रहे यून सुक येओल की मुश्किलें बढ़ीं, हिरासत के लिए कोर्ट ने जारी किया नया वारंट

दक्षिण कोरिया की भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी को महाभियोग लगाए गए राष्ट्रपति यून सुक येओल को हिरासत में लेने के लिए कोर्ट से नया वारंट मिला है। पिछले सप्ताह भी जांच एजेंसी ने यून को हिरासत में लेने का प्रयास किया था, लेकिन राष्ट्रपति सुरक्षा सेवा ने उनके प्रयास को विफल कर दिया था। हालांकि, उच्च पदस्थ अधिकारियों के लिए भ्रष्टाचार जांच कार्यालय ने मंगलवार को पुष्टि नहीं की कि वारंट कितने समय तक वैध रहेगा। एजेंसी के मुख्य अभियोजक ओह डोंग-वून ने सांसदों के वारंट की वैधता के सवाल का उत्तर नहीं दिया। उन्होंने कहा कि ऐसी जानकारी संवेदनशील है, क्योंकि एजेंसी और पुलिस वारंट को अमल में लाने के तरीकों पर विचार कर रही है। वारंट आमतौर पर सात से 10 दिनों तक चलते हैं।

इससे पहले दक्षिण कोरिया की भ्रष्टाचार रोधी एजेंसी ने पुलिस से अपील की कि महाभियोग का सामना कर रहे राष्ट्रपति यून सुक येओल को हिरासत में लेने के लिए इस मामले को अपने हाथ में ले ले। पिछले सप्ताह शुक्रवार को भ्रष्टाचार रोधी एजेंसी ने यून को हिरासत में लेने का प्रयास किया था, लेकिन राष्ट्रपति की सुरक्षा सेवा के साथ कई घंटों के गतिरोध के कारण वह ऐसा करने में नाकाम रही थी। इसके बाद एजेंसी की क्षमता पर सवाल उठने लगे।

भ्रष्टाचार रोधी एजेंसी और पुलिस ने सोमवार को यून की हिरासत के संबंध में एक सप्ताह के वारंट की अवधि समाप्त होने से कुछ घंटे पहले इस चर्चा किए जाने की पुष्टि की। पुलिस ने कहा कि वह एजेंसी के अनुरोध पर विचार कर रही है। वारंट की अवधि सोमवार मध्य रात्रि को समाप्त हो गई थी। माना जाता है कि पुलिस के पास राष्ट्रपति को हिरासत में लेने के वास्ते संभवतः अधिक सशक्त प्रयास करने के लिए संसाधन हैं।

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