योगी सरकार का नया आदेश, अलविदा की नमाज़ पहले से…, भारी संख्या में पुलिस बल तैनात

उत्‍तर प्रदेश में शुक्रवार को केंद्रीय सुरक्षा बलों की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अलविदा की नमाज़ पहले से तय स्थानों पर होगी। किसी भी नए अथवा सार्वजनिक स्थान पर इसकी इजाजत नहीं दी जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद सभी जिलों में सतर्कता बरतने के साथ पुलिस-प्रशासन को कड़े सुरक्षा इंतजाम करने को कहा गया है।

रमजान के महीने में शुक्रवार को प्रदेश में 31151 पहले से तय स्थानों पर अलविदा की नमाज अदा की जाएगी। इसके लिए कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। नमाज के स्थानों तथा अन्य संवेदनशील स्थलों पर सुरक्षा-व्यवस्था बनाए रखने के लिए डीजीपी मुकुल गोयल की तरफ से 46 कंपनी पीएसी व सात कंपनी केंद्रीय सशस्त्रत्त् पुलिस बल की तैनाती की गई है।

2846 स्थान संवेदनशील: डीजीपी मुख्यालय के अनुसार शुक्रवार को 19949 मस्जिदों, 7436 ईदगाहों व 2846 अन्य स्थानों पर अलविदा की नमाज होनी है। इन 2846 स्थानों को संवेदनशील स्थल के रूप में चिह्नित किया गया है। इसके अलावा 2705 स्थानों को भी संवेदनशील माना गया है। इन सभी स्थानों पर कड़े सुरक्षा प्रबंध किए जाएंगे। जिलों की पुलिस के अलावा 46 कंपनी पीएसी व सात कंपनी सीएपीएफ की तैनाती की गई है। मुरादाबाद व प्रयागराज में दो-दो पुलिस उपाधीक्षक भी भेजे गए हैं।

इसके साथ ही 1492 पुलिस प्रशिक्षणार्थियों को भी सुरक्षा-व्यवस्था की ड्यूटी में लगाया जाएगा। सभी जोनल एडीजी व रेंज के आईजी-डीआईजी को जिलों के पुलिस कप्तानों के साथ समन्वय बनाकर हर तरह का सहयोग मुहैया कराने के निर्देश दिए गए हैं।

शासन ने धर्मस्थलों में नियमों के पालन की साप्ताहिक समीक्षा जिला स्तर पर करने तथा पहली अनुपालन रिपोर्ट 30 अप्रैल तक भेजने को कहा है। जिलों की रिपोर्ट मंडलायुक्तों और कमिश्नरेट की रिपोर्ट पुलिस आयुक्तों के माध्यम से शासन को भेजी जाएगी।

राज ठाकरे ने की योगी की तारीफ:महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के मुखिया राज ठाकरे ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ की है। उन्होंने कहा है कि मैं तहेदिल से योगी सरकार को शुभकामनाएं देता हूं और उनका आभारी हूं कि उन्होंने धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने का फैसला किया। खासतौर पर मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाए गए। दुर्भाग्य है कि महाराष्ट्र में हमारे पास कोई योगी नहीं है। जो कुछ भी हमारे पास है, वह भोगी हैं। उन्होंने उम्मीद जताई है कि महाराष्ट्र में भी कुछ ऐसा ही भाव पैदा हो और किया जाए।

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