क्या भारत का ये पडोसी देश भी होगा श्रीलंका की तरह कंगाल, कुर्सी और अर्थव्यवस्था के बीच फंसे शहबाज
पाकिस्तान में निजाम बदलने के बाद भी न तो राजनीतिक हालात स्थिर हो रहे हैं और न ही आर्थिक संकट कम होने का नाम ले रहा है।पाकिस्तान अलग-अलग योजनाओं में अरबों डॉलर की वित्तीय मदद लेकर चीन के जाल में फंसता जा रहा हैं ।
पाकिस्तान में लगातार गिरती रुपये की कीमत और विदेशी मुद्रा का संकट श्रीलंका जैसे हालात पैदा करने के लिए काफी हैं। पाकिस्तान जल्द ही डिफॉल्टर देश बन सकता है। पाकिस्तान की इकॉनमी बेहद बुरे दौर से गुजर रही है।
पाकिस्तान की लड़खड़ाई हुई वित्तीय व्यवस्था पर सबसे ज्यादा चर्चा तब शुरू हुई, जब पाकिस्तान के मंत्री एहसान इकबाल ने संसदीय कमेटी के सामने कहा कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से घट रहा है।विदेश मामलों के जानकारों का कहना है कि जिस तरीके के आर्थिक हालात पाकिस्तान में बने हैं वह श्रीलंका से कम नहीं है।
पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ इन दिनों कुर्सी और आर्थिक संकट के बीच फंसे दिख रहे हैं। आईएमएफ ने पाकिस्तान के सामने शर्त रखी थी कि जब तक फ्यूल पर सब्सिडी बंद नहीं की जाएगी वह कर्ज नहीं दे सकता।
पाकिस्तानी इकोनॉमिक एडवाइजरी फोरम के आंकड़ों के मुताबिक उनके देश पर 2021 में जो कर्ज 85.57 अरब डॉलर का था वह एक साल के भीतर बढ़कर 28.79 अरब डॉलर पहुंच गया है।