पाकिस्तान को क्या आर्थिक तबाही से बचा पाएगा आईएमएफ़ ? सामने आया ये बड़ा संकट

स्लामाबाद में राशन की दुकान पर खड़े लोग. ऐसा डर जताया जा रहा है कि खाने-पीने के सामान के दाम अभी और बढ़ेंगे.पाकिस्तान अपने विदेशी मुद्रा भंडार के ख़ाली होने के ख़तरे से दो-चार है.

इस समय भारत का ये पड़ोसी देश अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से कर्ज़ लेने का अंतिम प्रयास कर रहा है.पाकिस्तान के पास एक महीने के आयात के लिए ही डॉलर बचे हैं. देश आसमान छूते विदेशी कर्ज़े पर ब्याज़ देने तक के लिए भी सघंर्ष कर रहा है.

गुरुवार को पाकिस्तान में आईएमएफ़ की टीम पहुँची है. ये टीम 10 दिन वहाँ रहेगी. इन 10 दिनों में आर्थिक संकट से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय फ़ंड जारी करने पर बातचीत होगी.

पाकिस्तान के इस चुनावी साल में वहाँ की अर्थव्यवस्था के डूबने का डर अब बढ़ता जा रहा है. पाकिस्तान को सामान ख़रीदना और बेचना महंगा पड़ रहा है. पाकिस्तान की सबसे पड़ी समस्या यही है – विदेशी मुद्रा भंडार की कमी.

फ़ैक्टरी के मैनेजर फ़हीम ने बीबीसी को बताया, “अगर हम कच्चा माल आयात नहीं कर सकते, तो सामान बनाएँगे कैसे? हम पहले ही बड़ा घाटा सह चुके हैं. हमने सभी 300 कर्मचारियों को घर भेज दिया है.”

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