प. दिल्ली में क्यों हो रही प्रवेश वर्मा की चर्चा? ‘पुराने चावल’ और बहू-बेटी में किसकी लगेगी लॉटरी?
राजधानी दिल्ली की पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट पर इन दिनों यह शायरी “इतना भी गुमान ना कर अपनी जीत पर ऐ बेखबर, शहर में तेरी जीत से ज्यादा चर्चे तो मेरी हार के हैं” चर्चा का केंद्र बनी हुई है। इसका जिक्र वोटर्स वर्तमान सांसद और भाजपा नेता प्रवेश वर्मा के लिए करते हुए दिख रहे हैं। आम मतदाता से लेकर स्थानीय भाजपा नेता केवल यही प्रश्न पूछते हुए दिख रहे हैं कि आखिर ऐसा क्या हुआ, जो भाजपा ने प्रवेश वर्मा का ही टिकट काट दिया।
प्रवेश वर्मा का टिकट कटने के बाद अब पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट से भाजपा की तरफ से कमलजीत सहरावत मैदान में है। कमलजीत दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की महापौर रह चुकी हैं। फिल्हाल वे द्वारका-बी वार्ड से पार्षद हैं। जाट समाज से आने वालीं दिल्ली भाजपा की महासचिव कमलजीत सहरावत अपने क्षेत्र में एक जाना-पहचाना चेहरा हैं। वे समय-समय पर पार्टी के सभी कार्यक्रमों और धरना-प्रदर्शनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती रही हैं। वे दिल्ली भाजपा की महिला मोर्चा की अध्यक्ष भी रही हैं। इसलिए भाजपा ने महिला और जाट वोटरों को साधने के लिए कमलजीत सहरावत पर दांव खेला है। पश्चिमी दिल्ली की रहने वाली कमलजीत सहरावत मतदाताओं के बीच हमेशा बेटी और बहू की तरह पेश आती हैं। वे चुनाव प्रचार के दौरान आम लोगों से हमेशा हाजिर रहने का वादा करते हुए नजर आ रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कमलजीत सेहरावत के समर्थन में द्वारका में एक चुनावी रैली को संबोधित कर चुके हैं।
भाजपा उम्मीदवार सेहरावत का मुकाबला बिहारी दिग्गज महाबल मिश्रा से है। मिश्रा इंडिया गठबंधन और आम आदमी पार्टी के साझा उम्मीदवार हैं। बिहार के मधुबनी के रहने वाले महाबल मिश्रा का राजनीतिक सफर काफी लंबा रहा है। वे कांग्रेस पार्टी की तरफ से पहले भी पार्षद, विधायक भी रह चुके हैं। हालांकि, भाजपा की लहर में पहले उन्होंने अपनी सांसदी गंवाई, इसके बाद उन्होंने कांग्रेस से विधायक का चुनाव लड़ा लेकिन आप को मिले प्रचंड बहुमत ने उन्हें दिल्ली विधानसभा तक भी नहीं पहुंचने दिया। पिछले लोकसभा चुनाव में भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। उनके पुत्र विनय मिश्रा के आप में शामिल होने के बाद महाबल मिश्रा भी आप में शामिल हो गए। ऐसे में पूर्वांचलियों के दिलों में सालों पहले राज करने वाले महाबल मिश्रा पर आप पार्टी ने फिर विश्वास जताया है। मिश्रा के लिए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी रोड शो कर चुके हैं। मिश्रा के बेटे विनय अभी इसी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली द्वारका सीट से आप पार्टी से विधायक हैं।
तिलक नगर निवासी संजीव झा कहते हैं कि महाबल मिश्रा जमीन से जुड़े नेता हैं। वे ऐसे एक मात्र नेता हैं जो पूरे क्षेत्र में कई बार स्कूटी या बाइक पर घूमते हुए मिल जाएंगे। सीनियर नेता और वीआईपी होने के बावजूद वे जरूरत पड़ने पर बिना किसी तामझाम और बगैर प्रोटोकॉल के स्कूटी से ही लोगों के बीच पहुंच जाते हैं। यही वजह है कि वे पूर्वांचली मतदाताओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं। क्षेत्र के लोग उन्हें पश्चिमी दिल्ली के ‘पुराने चावल’ या स्कूटी वाले बाबा कहकर भी पुकारते हैं।
इसलिए नजर आ रही है कांटे की टक्कर
भाजपा पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट पर पिछले दो बार से चुनाव जीतती आ रही है। इस लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली सभी 10 विधानसभा सीटों पर आम आदमी पार्टी के विधायक हैं। उत्तम नगर निवासी विजय कुमार कहते हैं कि इस बार कांग्रेस और आम आदमी पार्टी मिलकर चुनाव लड़ रही हैं। इसलिए उम्मीद है कि इंडिया गठबंधन का उम्मीदवार जीत सकता है। मिश्रा की पहले से इस क्षेत्र में पकड़ है। वे पूर्व सांसद भी रहे हैं। साथ ही बिहार के रहने वाले हैं। इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में बिहारी लोग रहते हैं। ऐसे में क्षेत्रीय वोटर्स को साधने में उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी।