‘मुझे वो नहीं मिलता, जो मुझे चाहिए तो मैं आपा खो देता हूं’, भंसाली ने किया गुस्सैल स्वभाव का बचाव
संजय लीला भंसाली इन दिनों अपनी सीरीज ‘हीरामंडी’ को लेकर चर्चा में चल रहे हैं। सीरीज को दर्शकों की अच्छी खासी प्रतिक्रिया मिल रही है। हालांकि, शो की कास्ट ने कई बार खुलासा किया है कि सेट पर भंसाली काफी गुस्से में रहते हैं और आपा भी खो बैठते हैं। अब निर्माता ने अपने गुस्सैल स्वभाव का बचाव किया है और कहा है कि इसमें उन्हें कोई बुराई नजर नहीं आती है।
निर्देशक संजय लीला भंसाली ने अपने गुस्सैल स्वभाव के बारे में बात की और कहा कि उन्हें गुस्सा आने में कुछ भी गलत नहीं लगता। अपने कलाकारों और क्रू के साथ सेट पर अपना आपा खोने की कहानियों को याद करते हुए, फिल्म निर्माता ने कहा कि वह हर बार जब मुंबई के फिल्म सिटी में कदम रखते हैं, तो ‘पागल और जुनूनी’ हो जाते हैं और अपने सहयोगियों से भी यही उम्मीद करते हैं।
उन्होंने कहा, “मैं हर दिन शूटिंग से एक घंटा, दो घंटे पहले सेट पर होता हूं। आज भी 30 साल बाद, मैं सेट पर कभी देर से नहीं पहुंचता। मैं जो प्रतिबद्धता लेकर आता हूं, उसमें एक अभिनेता को एक ही पेज पर होना चाहिए, मेरे तकनीशियनों को एक ही पेज पर होना चाहिए। मैं सब कुछ दे रहा हूं, इसलिए आप फोन पर नहीं रह सकते। आपको मुझे सब कुछ देना होगा। आपको बारीकियों को समझना होगा।
निर्माता ने आगे कहा, “मैं लंबे टेक, लंबे शॉट लेता हूं। यह उनके लिए मुश्किल है। मैं आपको चुनौती दे रहा हूं, मैं आपके सामने इक्का फेंक रहा हूं। आपको मेरे सामने तीन इक्के फेंकने होंगे। और अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो आपको थोड़ी देर वैन में इंतजार करना होगा और वापस आना होगा।”
अपने गुस्सैल स्वभाव का बचाव करते हुए निर्माता ने कहा, “फिल्म या शो हमेशा खुद या उनके कलाकारों से बड़ा होता है। अगर मुझे वह नहीं मिल रहा जो मैं चाहता हूं, तो अगर मैं अपना आपा खो भी देता हूँ, तो इसमें क्या गलत है?अगर आपको कोई शॉट नहीं मिल रहा है और कोई इसे खराब कर रहा है, तो आप क्या करेंगे? लोगों ने कहानियां बना दी हैं कि मैं गुस्से में हूं, कि मैं बुरा व्यवहार करता हूं। मैं जानना चाहता हूं कि राज कपूर ने क्या छोड़ा, न कि वह बंगला जिसमें वह रहते थे, न ही उनके सेट पर होने वाली उथल-पुथल या उनके अभिनेताओं ने क्या-क्या झेला।”