जंतर-मंतर पर चल रहे पहलवानों के प्रदर्शन से क्या बदल सकती हैं देश की खेल व्यवस्था

‘ये जंतर-मंतर बहुत पवित्र जगह है. हम भी यहाँ से निकले हैं. 2011 में अन्ना हज़ारे ने यहीं भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आंदोलन खड़ा किया था. उस आंदोलन ने देश की राजनीति बदल दी थी.

दिल्ली का जंतर-मंतर और पहलवानों के प्रदर्शन के सातवें दिन कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पहलवानों को अपना समर्थन देने दिल्ली के जंतर-मंतर पहुँचे थे.

पहलवान, जो धरने पर बैठे हैं, वो भी गिनती के छह-दस ही हैं. ऐसे में मुझे नहीं लगता कि ये आंदोलन देश की खेल व्यवस्था को बदलने का मादा रखता है. साथ ही अभी इस मामले में तो बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ आरोप सिद्ध भी नहीं हुए हैं

मानो इस बात का डर हो कि कोई उन्हें और उनके प्रदर्शन को एक पार्टी या नेता विशेष से प्रभावित न बता दे.ऐसे में हमने देश के कुछ वरिष्ठ खेल पत्रकारों से बात की और उनसे समझना चाहा कि वे इस प्रदर्शन को कितना ऐतिहासिक मानते हैं.

 

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