उत्तराखंड: इन चार जिलों में मिले डेंगू के 683 मरीज , अस्पताल में भर्ती

उत्तराखंड के चार मैदानी जिलों में 683 लोग डेंगू की चपेट में हैं। जबकि, नौ पहाड़ी जिलों में डेंगू का एक भी मरीज नहीं है। 683 मरीजों में से 561 मरीज सिर्फ हरिद्वार जिले में हैं।

देहरादून जिले के अस्पतालों में इस समय 42 डेंगू के मरीज भर्ती हैं। इसमें से 40 मरीज विकासनगर के निजी अस्पतालों में और दो मरीज ऋषिकेश के सरकारी अस्पताल में भर्ती हैं। हालांकि दून के लोगों के लिए राहत भरी खबर है।

पिछले 13 दिन से जिले में डेंगू का कोई नया मरीज नहीं मिला है। स्वास्थ्य विभाग इसको ठंड में तापमान की कमी एवं सघन निगरानी की वजह मान रहा है। जिला मलेरिया अधिकारी सुभाष जोशी ने बताया कि विगत दो नवंबर को तीन लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई थी। देहरादून में नगर निगम के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार जागरूकता, फॉगिंग एवं लार्वानाशक अभियान चलाया जा रहा है। दून में अब तक 126 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है।

विकासनगर पछुवादून में कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होने के बाद इन दिनों डेंगू का डंक बढ़ता जा रहा है। डेंगू का सबसे अधिक संक्रमण नगर क्षेत्र से लगी हुई जीवनगढ़ पंचायत में है। यहां सौ के करीब मरीज संक्रमित हैं, जो घरों और विभिन्न अस्पतालों में उपचार करा रहे हैं। पॉजीटिव मरीजों के इलाज के लिए प्लेटलेट्स की मारामारी मची हुई है।

लेकिन स्वास्थ्य विभाग सूचना नहीं मिलने की बात कहकर पल्ला झाड़ रहा है। सोमवार को भी उप जिला चिकित्सालय में चार मरीजों में डेंगू संक्रमण की पुष्टि हुई है। लेकिन इस बीमारी से जीवनगढ़ पंचायत सबसे अधिक प्रभावित है।जीवनगढ़ स्थित निजी अस्पताल के संचालक सतीश जैन ने बताया कि वर्तमान में उनके अस्पताल में डेंगू से संक्रमित चालीस मरीजों का उपचार चल रहा है।

देहरादून में 13 दिनों से भले ही डेंगू का कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है, क्योंकि स्वास्थ्य विभाग गाइडलाइन के मुताबिक एलाइजा जांच के बाद ही डेंगू पॉजिटिव मानता है। वहीं निजी अस्पतालों खासकर विकासनगर इलाके में कई मरीज डेंगू के भर्ती हैं। जिनकी रैपिड में रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। लेकिन विभाग उन्हें रिकार्ड में दर्ज ही नहीं करता।

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