यूपी: आर्थिक तंगी से जूझ रही महिला खुद को फांसी लगाकर दी जान, मौके पर पहुंची पुलिस
यूपी के गोरखपुर में आर्थिक तंगी से जूझती महिला अस्पताल की एक संविदा कर्मचारी ने खुद को फांसी लगाकर जान दे दी। शहर के बक्शीपुर में वह किराए पर एक कमरा लेकर रहती थी। महिला के शव के पास ही उनका दो साल का मासूम बच्चा बिलखता मिला।
आत्महत्या करने वाली महिला कर्मचारी का नाम सहाना और उम्र 30 वर्ष थी। मिली जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को उनका शव कमरे में फंदे से लटकता मिला। सहाना आउटसोर्सिंग के जरिए महिला अस्पताल में वार्ड आया (चतुर्थ श्रेणी) पद पर तैनात थी। आरोप है कि सात महीने से वेतन नहीं मिलने के चलते उन्होंने यह कदम उठाया है। उनकी आत्महत्या की सूचना पर अस्पताल के आउटसोर्सिंग कर्मचारी भड़क गए। उन्होंने डीएम आवास और अस्पताल पर प्रदर्शन किया।
कर्मचारियों का गुस्सा एसआईसी, हॉस्पिटल मैनेजर और मेट्रन पर भी उतरा। उन्होंने तीनों के खिलाफ नारेबाजी की और गंभीर आरोप लगाए। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि महिला कर्मचारी को सात महीने से सैलरी नहीं मिली थी। ऐसे 55 कर्मचारी हैं जिन्हें सैलरी नहीं मिली है। सैलरी के नाम पर अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारी शोषण कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि एक अधिकारी ने हर कर्मचारी से वेतन के नाम पर 10 हजार रुपए तक की मांग की है।
प्रदर्शन कर रहे आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने बताया कि एक हफ्ते पहले डीएम विजय किरन आनंद ने अस्पताल का दौरा किया था। उस समय भी आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने वेतन की बात उठाई थी। डीएम ने अस्पताल के अधिकारियों को वेतन भुगतान करने का निर्देश दिया लेकिन डीएम के जाने के बाद एक बार फिर से अस्पताल के अधिकारियों ने अपना पुराना रुख अख्तियार कर लिया।
शुक्रवार की सुबह मकान मालिक ने सहाना का शव देखकर पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। उधर, सहकर्मी की आत्महत्या करने की सूचना पर कर्मचारी भड़क गए। कर्मचारियों ने इसे लेकर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। वे सबसे पहले डीएम आवास गए। वहां डीएम से मिलकर अपनी सभी समस्याएं बताईं।
इसके बाद कर्मचारियों ने महिला अस्पताल के गेट पर प्रदर्शन किया। वहां आए अस्पताल के मैनेजर और मेट्रन के ऊपर भी कर्मचारी भड़क गए। कर्मचारियों ने साथी की मौत की वजह वेतन ना मिलना बताया। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की। आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के समर्थन में अस्पताल के दूसरे कर्मचारी संगठन भी शामिल हो गए हैं।