शादी में लाइटिंग के करंट से दो किशोरों की मौत, मातम में बदलीं शादी की खुशियां
सुल्तानपुर:सुल्तानपुर के धनपतगंज थानाक्षेत्र के पियरापार गांव मे रविवार की देर रात विवाह के दौरान की गई लाइटिंग के लिए लगाए गए तारों की चपेट में दो किशोर आ गए। करंट से उनकी वहीं मौत हो गई। पुलिस ने शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया।मायंग गांव मजरा पियरा पार निवासी विश्राम के घर लड़की की शादी का कार्यक्रम चल रहा था। द्वार पूजा के बाद महिलाएं तकरीबन 12 बजे लावा की रस्म अदायगी के लिये घर के सामने नाचते गाते कुछ दूर गईं। साथ में डीजे की धुन पर नाचने के लिये गांव के केशराम (15) पुत्र स्व. कालीदीन निषाद और साथ में सुरजीत (15) पुत्र स्व. रामकिशोर साथ-साथ हो लिये। रस्म अदायगी चल रही थी उसी समय जमीन पर गिरे तार के करंट की चपेट में केशराम और सुरजीत आ गए। जिनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
हालांकि, ग्रामीण दोनों को लेकर धनपतगंज सीएचसी पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना से पूरे गांव मे कोहराम मच गया और शादी की खुशी मातम मे बदल गई। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। केश राम की मां क्रांति देवी व सुरजीत की मां सीतापति दोनों ने झटका करंट लगाने वाले खेत के स्वामी और डेकोरेशन का काम करने वाले के खिलाफ तहरीर दी है। थाना प्रभारी पण्डित त्रिपाठी ने बताया कि तहरीर मिल गई है। केस दर्ज किए जाने की प्रक्रिया की जा रही है।
एक ही खंभा होने से झटका मशीन के तार में आ गया था बिजली का करंट
ग्रामीणों के अनुसार जिस जगह हादसा हुआ वहां पर एक खेत में झटका मशीन के लिए तार लगाए गए थे। इन्हीं तार के खंभों में डेकोरेटर ने बिजली के तार भी लगा दिए थे। झटका मशीन का एक तार जमीन पर गिरा था, एक ही खंभा होने के कारण उसमें भी बिजली का करंट आ गया था। बहरहाल सही स्थिति पुलिस जांच के बाद ही सामने आएगी।
दोनों सहपाठी और दोस्त साथ ही दोड़ गए दुनिया
धनपतगंज। केशराम और सुरजीत दोनों ही कक्षा छह में पढ़ते थे। दोनों साथ ही आते-जाते थे और दोनों में गहरी दोस्ती थी। ग्रामीणों के अनुसार अक्सर वे साथ ही रहते थे और अंत में दोनों ने एक साथ ही दुनिया भी छोड़ दी। दोनों के ही परिवारों की माली हालत ठीक नहीं है। केश राम पांच भाइयों में सबसे छोटा था तो सुरजीत भी चार भाइयों में सबसे छोटा था। छोटे और सबसे दुलारे बेटों की मौत से केश राम की मां क्रांति देवी और सुरजीत की मां सीतापति दोनों सदमे की हालत में हैं। रह-रहकर दोनों कहती हैं कि अभी उनके बेटे वापस आएंगे।