आपका हृदय स्वस्थ है या नहीं? कहीं कोई दिक्कत तो नहीं, ऐसे कर सकते हैं पता
हृदय रोग और इससे संबंधित बीमारियां, दुनियाभर में मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है। भारत में भी इसका खतरा पिछले कुछ वर्षों में काफी तेजी से बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कम उम्र के लोगों में हृदय की बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है, कोरोना महामारी के बाद से इसका जोखिम और भी अधिक हो गया है। हृदय को स्वस्थ रखने के लिए सभी लोगों को निरंतर ध्यान देते रहने की जरूरत है।
डॉक्टर कहते हैं, हर उम्र के व्यक्ति में हृदय से संबंधित समस्याएं देखी जा रही हैं। ऐसे में सवाल ये है कि कैसे पता किया जा सकता है कि आपको हृदय की कोई समस्या तो नहीं है? या फिर आपमें हार्ट की समस्याओं का कोई जोखिम तो नहीं है? डॉक्टर्स इसके लिए कुछ उपाय बताते हैं जिसपर ध्यान देकर आप भी हार्ट की हेल्थ का अंदाजा आसानी से लगा सकते हैं।
युवाओं में हार्ट की समस्या
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं पिछले दिनों कई ऐसे मामले देखे गए हैं जिसमें पहले से बिना किसी हार्ट की शिकायत वाले लोगों के ईसीजी, ईसीएचओ और टीएमटी परीक्षण में दिक्कत देखी जा रही है। कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि युवाओं में धूम्रपान और शारीरिक निष्क्रियता के मामले बढ़ गए हैं जिसके कारण भी हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
सभी उम्र के लोगों के लिए जरूरी है कि आप निरंतर हृदय की जांच करते रहें, जिन लोगों में हृदय रोगों का आनुवांशिक जोखिम रहा है उन्हें और भी सतर्कता बरतते रहना आवश्यक हो जाता है। आइए जानते हैं कि ये कैसे पता किया जा सकता है कि आपका हृदय स्वस्थ है या नहीं?
ब्लड प्रेशर की रीडिंग पर रखें नजर
हृदय की सेहत को जांचने के लिए सबसे जरूरी पैरामीटर है ब्लड प्रेशर पर ध्यान रखना। अगर आपका ब्लड प्रेशर अक्सर कम या ज्यादा रहता है तो इसे हार्ट की समस्याओं का संकेत माना जाता है। रक्तचाप की सामान्य सीमा 120/80 की मानी जाती है। अगर आपका ब्लड प्रेशर इससे अधिक बना रहता है तो आपको सावधान हो जाने की जरूरत है। हाई ब्लड प्रेशर के कारण हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याओं का खतरा हो सकता है। वहीं अगर ये नार्मल है तो ये संकेत है कि आपका हार्ट ठीक तरीके से काम कर रहा है।
हृदय गति का सामान्य रहना जरूरी
ब्लड प्रेशर की ही तरह हार्ट रेट का सामान्य रहना भी स्वस्थ हृदय के लिए जरूरी है। आमतौर पर हृदय गति का 60 से 100 बीट प्रति मिनट के बीच रहना स्वस्थ माना जाता है। ये अगर अक्सर कम या ज्यादा बना रहता है तो संकेत हो सकता है कि हार्ट की सेहत में सबकुछ ठीक नहीं है। नियमित रूप से हृदय की जांच के दौरान हार्ट रेट पर भी डॉक्टर नजर रखते हैं।