निकाय चुनाव की तैयारी में जुटे चंद्रशेखर, भीम आर्मी के लिए अहम हो सकता हैं ये चुनाव

यूपी के पिछले विधानसभा चुनाव में गोरखपुर से सीएम योगी आदित्यनाथ के मुकाबले लड़कर अपनी जमानत गंवाने वाले भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद खतौली विधानसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी-रालोद गठबंधन के उम्मीदवार मदन भैया के लिए मददगार बन गए।

खतौली का प्रयोग आने वाले निकाय चुनाव, 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव और उसके आगे के चुनावों में आजमाया गया तो उनकी पॉलिटिक्स यूपी में किसके लिए फायदेमंद साबित होगी और किसके लिए सिरदर्द बनेगी।

जानकारों का मानना है कि खतौली विधानसभा उपचुनाव के बाद आजाद समाज पार्टी और चंद्रशेखर का राजनीतिक कद बढ़ा है। खतौली के परिणामों से स्पष्ट है कि दलितों में चंद्रशेखर की स्वीकार्यता बढ़ी है।

इससे सबसे बड़ी चुनौती यदि किसी के लिए खड़ी हो सकती है तो वो है अब तक दलित वोटों की सबसे बड़ी दावेदार बीएसपी। इसके साथ ही बीजेपी को भी नुकसान हो सकता है क्योंकि चंद्रशेखर का प्रभाव बढ़ने से उसकी ओर दलितों के बढ़ते झुकाव पर रोक लग सकती है।

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