सीडीएस बिपिन रावत के हेलिकॉप्टर Mi-17 को लेकर सामने आई ये बड़ी खबर, उड़ान से पहले हुआ था…
सीडीएस जनरल बिपिन रावत के हेलिकॉप्टर Mi-17 की उड़ान से पहले भारतीय वायु सेना ने पूरे रूट की रेकी की थी या नहीं, इसे लेकर अलग-अलग रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं। इसके चलते सवाल खड़े हो रहे हैं।
सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 14 लोगों को लेकर हेलिकॉप्टर ने सुलूर एयरबेस से सुबह 11:48 पर उड़ान भरी थी और उसे वेलिंगटन के हेलिपैड पर 12:15 बजे लैंडिंग करनी थी। लेकिन इससे कुछ मिनट पहले ही 12:08 पर विमान क्रैश हो गया और चाय बागानों के बीच एक जंगल में जा गिरा।
मौसम खराब था, बादल छाए हुए थे और नीचे काफी धुंध थी। ऐसे में कहा यह भी जा रहा है कि यदि रूट की रेकी की जाती तो शायद उड़ान को अनुमति न मिलती। सुलूर एयरबेस पर तैनात अधिकारियों के मुताबिक, वायुसेना के दो छोटे चॉपर्स को रूट को स्काउट करने के लिए भेजा गया था। किसी भी वीआईपी फ्लाइट से पहले यह प्रोटोकॉल होता ही है।
सुलूर हवाई अड्डे से जुड़े एक अधिकारी के अनुसार, नीलगिरी में मौसम की स्थिति का आकलन करने के लिए प्रोटोकॉल के तहत मार्ग की जांच के लिए वायुसेना के दो छोटे हेलिकॉप्टर भेजे गए थे। अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “हम यकीन के साथ यह नहीं कह सकते हैं कि हेलिकॉप्टर वेलिंगटन हेलीपैड पर उतरे या बिना लैंडिंग के लौट आए।”
वहीं, वेलिंगटन में मद्रास रेजिमेंटल सेंटर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “वास्तव में छोटे हेलिकॉप्टरों द्वारा कोई परीक्षण नहीं किया गया था, क्योंकि एमआई-17 वी 5 एक विश्वसनीय विमान है।” इसके अलावा दुर्घटना का चश्मदीद गवाह ने कहा कि उन्होंने दिन में कभी भी इसके अलावा किसी हेलिकॉप्टर को ना तो देखा और ना ही कोई आवाज सुनी।
भारतीय वायुसेना के एक सेवानिवृत्त अधिकारी एस रमेश कुमार ने कहा कि आमतौर पर राष्ट्रपति या पीएम की यात्रा के दौरान, चार हेलिकॉप्टर मुख्य हेलिकॉप्टर के साथ उड़ते हैं। लेकिन वह भारतीय वायुसेना के अधिकारियों से इस बात की पुष्टि करने में सक्षम नहीं थे कि क्या एमआई-17 वी 5 के वेलिंगटन के लिए उड़ान भरने से पहले कोई हेलिकॉप्टर उड़ाया गया था।
रमेश कुमार ने कहा, “एमआई-17 वी 5 एक बेहद अनुभवी पायलट द्वारा संचालित किया गया था। हेलिकॉप्टर तकनीकी रूप से उन्नत था, और मुझे संदेह है कि मानवीय त्रुटि के कारण दुर्घटना हुई।” उन्होंने कहा, ”बादल/कोहरा सामान्य से अधिक घना हो सकता है। ऐसे समय में पायलट को एक सेकंड के एक अंश में निर्णय लेना होता है। निर्णय गलत भी हो सकता है।”
कुमार ने कहा कि ब्लैक बॉक्स, जिसे बरामद कर लिया गया है, संभवत: यह बताएगा कि दुर्घटना के क्षणों में क्या हुआ था। विमानन सुरक्षा सलाहकार मोहन रंगनाथन ने कहा, “मैंने हेलिकॉप्टर के आखिरी मिनट के फुटेज देखे हैं। धुंध का मौसम था और हेलिकॉप्टर बहुत नीचे उड़ रहा था। मुझे संदेह है कि दुर्घटना का मुख्य कारण मौसम की स्थिति थी।”
उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के लिए एक रेकी कर सकती है, लेकिन एक सेवारत अधिकारी के लिए यह संभावना नहीं है।