अखिलेश यादव और केशव प्रसाद मौर्य के बीच चल रहे सियासी तीर, ये हैं इसके पीछे की पूरी सियासत

उत्तर प्रदेश  में इन दिनों ट्विटर पर राजनीति छिड़ी हुई है. इसकी शुरुआत यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने की.  अखिलेश ने  कहा, ‘यूपी की सियासत जाति और धर्म के आधार पर काफी हद तक बंटी हुई है”

केशव प्रसाद मौर्य पिछड़े वर्ग से आते हैं और जब उन्हें पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष बनाया, तब से पिछड़े वर्ग का एक बड़ा हिस्सा भाजपा के साथ आ गया।”सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया कि 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा का खाता भी नहीं खुलेगा.

आगे अखिलेश ने ये भी कहा की, “2017, 2019 और फिर 2022 विधानसभा चुनाव के परिणाम ये बताते हैं। 2017 में उम्मीद थी कि केशव मौर्य को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। केशव को डिप्टी सीएम पद से ही संतोष करना पड़ा। पूरे पांच साल केशव और योगी के बीच अनबन की खूब खबरें सामने आईं।’

केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट करते हुए कहा, सत्ता के लिए बेचैन अखिलेश यादव की पार्टी सपा का लोकसभा चुनाव 2024 में खाता भी नहीं खुलेगा, यूपी और देश में मोदी लहर पहले से तेज!’

डिप्टी सीएम के ट्वीट करने के बाद अखिलेश यादव ने सिलसिलेवार कऊ ट्वीट कर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा.केशव मौर्य पर हमला करके अखिलेश दो तरह से फायदा बंटोरने की कोशिश कर रहे हैं।  इससे पिछड़े वर्ग के लोगों में भाजपा के प्रति दूरियां बढ़ेगी।  योगी आदित्यनाथ की सरकार भी अस्थिर हो सकती है।

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