ये हैं गंगा स्नान के लिए सबसे पवित्र स्थान, जहां मकर संक्रांति के दिन लगाएं डुबकी

मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी 2025 को मनाया जा रहा है। हिंदू धर्म में ये दिन विशेष महत्व रखता है। इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है, जो शुभ माना जाता है। मकर संक्रांति में स्नान-दान का महत्व है। कहते हैं इस दिन सुबह स्नान के बाद दान किया जाता है। तिल, गुड़ और वस्त्र दान करने की परंपरा होती है। उत्तर भारत में तो इस दिन खिचड़ी खाने का रिवाज है, इस कारण इसे खिचड़ी पर्व भी कहते हैं।

मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है। इस दिन गंगा में डुबकी लगाने से पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। गंगा स्नान से आत्मा की शुद्धि होती है और समृद्धि की प्राप्ति होती है। भारत में कई पवित्र स्थान हैं जहां गंगा स्नान का विशेष महत्व है।

गंगा स्नान के पवित्र स्थान

प्रयागराज

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज को संगम स्थली कहते हैं जहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदी का संगम होता है। यहां हर साल माघ मेले का आयोजन होता है। साथ ही संगम किनारे कुंभ मेला भी लगता है। इस साल 2025 में प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन हो रहा है। मकर संक्रांति पर यहां शाही स्नान किया जाता है। ऐसे में मकर संक्रांति के शुभ दिन पर संगम में स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है।

हरिद्वार

उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है, जहां कई दिव्य तीर्थ स्थल मौजूद हैं। इन तीर्थ स्थलों पर यात्रा की शुरुआत हरिद्वार से होती है। हरिद्वार का हर की पौड़ी घाट काफी लोकप्रिय है। यहां गंगा नदी बहती है। शाम के वक्त हर की पौड़ी की गंगा आरती अद्भुत दिखती है। यहां भी कुंभ मेले का आयोजन होता है। गंगा आरती और पवित्र स्नान के लिए प्रसिद्ध हरिद्वार में मकर संक्रांति के मौके पर गंगा में डुबकी लगाएं।

वाराणसी

शिव की प्रिय नगरी काशी में बाबा विश्वनाथ धाम गंगा किनारे ही बसा है। यहां दशाश्वमेध घाट से लेकर मणिकर्णिका घाट तक में गंगा आरती का नजारा भव्य होता है। इस स्थान को मोक्ष प्राप्ति के लिए सबसे पवित्र स्थल माना जाता है। मकर संक्रांति में बनारस के घाट पर जाकर स्नान और गंगा आरती का अनुभव ले सकते हैं।

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