उत्तराखंड : 11 फरवरी से राज्य में बारिश और बर्फबारी की संभावना नहीं, मौसम विभाग का दावा

उत्तराखंड में मतदान के दिन मौसम भी साथ देगा। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, 11 फरवरी से राज्य में बारिश और बर्फबारी की संभावना नहीं है। पूर्वानुमान सही साबित हुआ तो मतदान में मौसम के कारण किसी तरह की रुकावट नहीं आएगी।

उत्तराखंड में आचार संहिता लगने के बाद से मौसम पल-पल रंग बदल रहा है। कभी कड़ाके की ठंड पड़ रही है तो कभी बारिश से भीषण बर्फबारी हो रही है।

दो दिन पूर्व नैनीताल समेत कुमाऊं के प्रमुख शहरों में जमकर बर्फबारी हुई थी। वहीं मैदान में बारिश से 20 से 25 फीसदी तक खेती को नुकसान हुआ था। इससे पूर्व नामांकन की तिथि से एक दिन पूर्व 20 जनवरी से भी मौसम बिगड़ा था। दो-तीन दिन बाद मौसम खुल गया था। मौसम विभाग देहरादून की तरफ से जारी पूर्वानुमान के मुताबिक, 11 फरवरी से 17 फरवरी के बीच बारिश की 20 फीसदी संभावना है।

वहीं तापमान सामान्य रहेगा। हालांकि अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री तक नीचे आ सकता है। पंतनगर कृषि विवि के मौसम वैज्ञानिक डॉ.आरके सिंह ने बताया कि फरवरी का औसत अधिकतम तापमान करीब 19 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान करीब नौ डिग्री सेल्सियस तक रहता है। इस बार ला-नीला इफेक्ट के चलते ठंड अधिक पड़ रही है।

उत्तराखंड में दो दिन की बर्फबारी के बाद शनिवार को मौसम खुल गया। लेकिन मुश्किलें अभी भी बरकरार हैं। भारी बर्फबारी के कारण बंद हुई सड़कों को खोलने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं कुछ गांवों में बिजली अब तक बहाल नहीं हुई है। लोनिवि के मुख्य अभियंता केपी उप्रेती ने बताया कि शनिवार सुबह तक राज्य में 151 सड़कें बंद थी। जिसमें से 29 सड़कों को खोल दिया गया है।

अब 122 सड़कें बंद हैं और इन्हें खोलने के लिए 139 मशीनें लगाई गई हैं। भारी बर्फ जमे होने की वजह से सड़कों को खोलने में दिक्कतें आ रही हैं। उधर, राज्य के ऊंचाई वाले क्षेत्रों के सैंकड़ों गांव अभी भी अलग थलग पड़े हुए हैं। कुछ गांवों में लोगों ने खुद ही बर्फ हटाकर रास्ते खोले हैं। मसूरी के कैंट क्षेत्र समेत कई इलाकों में पानी के पाइपों में जम जाने से पेयजल संकट पैदा हो गया है।

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