‘शिवकुमार के साथ शक्ति साझा करने का समझौता नहीं, आलाकमान के फैसले को मानूंगा’, सिद्धारमैया का बयान

मांड्या :  कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बुधवार को कहा कि राज्य में कांग्रेस सरकार बनने से पहले उनके और उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच कोई शक्ति-साझा करने का समझौता नहीं हुआ था। उन्होंने यह भी कहा कि वह पार्टी आलाकमान के फैसले का पालन करेंगे। वहीं, सिद्धारमैया के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवकुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री जो भी कहेंगे वह अंतिम होगा।

मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, ‘कोई समझौता नहीं था। मैं आलाकमान के फैसले का पालन करूंगा।’ सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद काफी प्रतिस्पर्धा थी। कांग्रेस ने शिवकुमार समझा-बुझाकर उपमुख्यमंत्री बनाया। इस दौरान खबरें आई थीं कि दोनों के बीच रोटेशन मुख्ममंत्री फॉर्मूा पर समझौता हुआ है, जिसमें दो साल शिवकुमार भी मुख्यमंत्री रहेंगे। हालांकि पार्टी ने इसकी आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं की थी। शिवकुमार ने मुख्यमंत्री बनने की अपनी इच्छा को कभी छिपाया नहीं है।

सिद्धारमैया ने मंत्रिमंडल के पुनर्गठन को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘अभी नहीं…’। जब उन्होंने पूछा गया कि कुछ विधायक मंत्री पद के लिए दौड़ में हैं, तो उन्होंने कहा, आखिर में आलाकमान को मुझे निर्देश देना होगा और मुझे फैसला लेना होगा। आला कमान ने मुझे अभी तक कुछ नहीं बताया है और मैंने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है।

लोकसभा चुनाव के परिणामों के बाद से मंत्रियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन और मंत्रिमंडल की अटकलें तेज हो गई हैं। कई विधायक मंत्री बनने की इच्छा जता चुके हैं। सिद्धारमैया ने हासन में होने वाले जन कल्याण सम्मेलन के बारे में भी बात की और कहा, कल कांग्रेस पार्टी और स्वाभिमानीगला ओक्कुटा की ओर से संयुक्त रूप से एक सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। शायद स्वाभिमानीगला ओक्कुटा इस सम्मेलन के अधिक लोग लाएंगे। इस सम्मेलन का नाम पहले सिद्धारमैया स्वाभिमानी जन आंदोलन सम्मेलन था। लेकिन अब इसे जन कल्याण सम्मेलन नाम दिया गया है। यह सम्मेलन अब सिद्धारमैया के बजाय पार्टी के जन कल्याण कार्यक्रमों को प्रमुखता देगा, जिसमें सरकार की गारंटी योजनाओं और अन्य पहलों को शामिल किया जाएगा।

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