मोदी सरकार का दबाव आया काम, 72 घंटे में जर्मनी से पकड़ा गया लुधियाना ब्लास्ट का आरोपी
लुधियाना कोर्ट में धमाके के केस को लेकर जर्मन पुलिस ने एसएफजे आतंकी जसविंदर सिंह मुल्तानी को गिरफ्तार किया है। माना जा रहा है कि भारत को इतनी बड़ी कामयाबी 72 घंटे की मशक्कत के बाद मिली है।
दरअसअल, प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस के आतंकी जसविंदर सिंह की गिरफ्तारी से पहले मोदी सरकार ने करीब 3 दिनों तक कूटनीतिक रास्तों के जरिए जर्मनी की सरकार पर दबाव बनाया और यह साफ कर दिया कि अगर मुंबई या दिल्ली में कोई भी बम धमाका होता है तो इसके लिए बॉन जिम्मेदार होगा।
बॉन और नई दिल्ली में मौजूद अधिकारियों के मुताबिक, मोदी सरकार ने दिल्ली स्थित जर्मनी के दूतावास को पर्याप्त खुफिया जानकारी दी, जिसके आधार पर कार्रवाई की जा सकती है।
मोदी सरकार ने जर्मनी की पुलिस को मामले की गंभीरता समझाने की कोशिश की। विदेश मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों द्वारा भारतीय दूतावास के अधिकारियों को उनकी क्रिसमस की छुट्टियों तक से वापस बुला लिया गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जर्मन अधिकारी मुंबई पर मंडरा रहे आतंकी हमले के मामले की गंभीरता को समझें।
खबरों के मुताबिक, मुल्तानी ने मुंबई में सफलतापूर्वक विस्फोटक भेजे और हमले के लिए आतंकियों की टीम भी बना ली थी। फिलहाल एसएफजे आतंकवादी से जर्मनी की पुलिस पूछताछ कर रही है लेकिन भारतीय सुरक्षा एजेंसियां और विदेश मंत्रालय दोनों ही इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं।
जर्मनी में मुल्तानी की गिरफ्तारी भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। यह गिरफ्तारी यूके और कनाडा जैसे देशों को पाकिस्तानी मदद पर फल-फूल रहे सिख अलगाववादियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मजबूर करेगी।
भारत के रणनीतिक साझेदार होने के बावजूद, यूके और कनाडा की निष्क्रियता ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को आश्वस्त कर दिया है कि बड़ी सिख आबादी वाले ये देश मौके का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं।