रूस के हालात भयावह, तेजी से बढ़ रहे कोरोना के केस

रूस, वह देश जिसने सबसे पहले कोरोना वैक्सीन बनाने का दावा किया, मगर आज इस देश की जो हालत है वो भयावह है। यहां, हर दिन कोरोना के इतने मामले आ रहे हैं, जितने पहले और दूसरी लहर में भी नहीं दिखे।

दूसरी तरफ हर दिन रिकॉर्ड कोरोना मरीज दम तोड़ रहे हैं लेकिन सवाल यह उठता है कि सबसे पहले वैक्सीन बनाने वाले देश की ऐसी हालत क्यों है? तो इसका जवाब भी इस देश की जनता ही है, जो तरह-तरह के बहाने बनाते हुए वैक्सीन लेने से बच रही है और इसी का नतीजा है कि अब देश में कोरोना ने एक बार फिर से त्राहिमाम मचाना शुरू कर दिया है।

कुछ की नजर में वैक्सीन ‘एक्सपेरिमेंटल’ है, कुछ को सरकार पर भरोसा नहीं है, कुछ ने तो फर्जी वैक्सीन सर्टिफिकेट भी बनवा लिए हैं। ऐसा करके वैक्सीन लगवाने में सबसे ज्यादा हिचक रूस के लोग ही दिखा रहे हैं लेकिन अब इस हिचक ने देश को कोरोना से बुरी तरह प्रभावित देशों में सबसे ऊपर ला दिया है। देश में हर दिन एक हजार से ज्यादा कोरोना मरीजों की जान जा रही है।

स्पूतनिक वी सहित देश में कुछ और भी वैक्सीन हैं लेकिन अभी तक सिर्फ एक तिहाई आबादी ने ही टीका लिया है। स्पूतनिक वैक्सीन ही वह टीका है जिसे सबसे पहले बनाने का रूस ने दावा किया था। बीते साल खुद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसका अनावरण किया था। रूस में यह वैक्सीन मुफ्त में उपलब्ध है।

पेशे से कारोबारी 52 वर्षीय रूसी व्याचेस्लव कहते हैं कि देश की सरकार ने ऐसी कोई वजह नहीं दी, जिसके कारण लोगों को वैक्सीन पर भरोसा हो। उनका कहना है कि प्रशासन ने हर बार झूठ बोला, ऐसे में अब जनता कैसे टीके पर भरोसा कर ले। कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो कोरोना की संपर्क में आने के बावजूद टीका नहीं लेना चाहते।

रूस में कोरोना से हर दिन कोहराम मच रहा है। रविवार को भी देश में कोरोना के करीब 41 हजार नए केस दर्ज किए गए थे जो कि महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा था। रूस यूरोप के सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में से एक बन गया है।

Related Articles

Back to top button