श्रीलंका के PM ने आखिरकार कर ही दिया देश की गरीबी का खुलासा, संसद में कह दी ये बड़ी बात…

भीषण आर्थिक संकट में फंसे श्रीलंका ने स्वीकार किया है  श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने मंगलवार को देश की संसद को बताया है, कि श्रीलंका दिवालिया हो गया है।

मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि एशिया के विकासशील देशों को सतर्क रहने की ज़रूरत है. महातिर मोहम्मद ने कहा, ”करेंसी ट्रेडर्स चीन में मनमानी नहीं कर सकते हैं लेकिन अन्य विकासशील देशों को सतर्क रहने की ज़रूरत है.”

महातिर मोहम्मद की यह टिप्पणी तब आई है, जब अमेरिकी मुद्रा डॉलर पिछले 20 सालों में सबसे ऊंचाई पर है और पूरे एशियाई देशों की मुद्राएं कमज़ोर हुई हैं. ऐसे में महंगाई बढ़ रही है और डॉलर क़र्ज़ बोझ भी बढ़ रहा है.

लेकिन यह संकट केवल थाईलैंड का ही नहीं था. 1997 में जिन देशों को ‘टाइगर इकॉनमी’ कहा जाता था- दक्षिण कोरिया, थाईलैंड, मलेशिया, इंडोनेशिया, सिंगापुर और फिलीपींस; सबकी वही हालत थी.

इन देशों की सालाना वृद्धि दर छह से नौ फ़ीसदी थी. लेकिन 1997 के आख़िर पाँच-छह महीनों में इन देशों के शेयर बाज़ार उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ श्रीलंका की चल रही बेलआउट वार्ता अगस्त तक लेनदारों के साथ एक ऋण पुनर्गठन योजना को अंतिम रूप देने पर निर्भर करती है।

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