नीदरलैंड की संसद अब वर्क फ्रॉम होम को कानूनी अधिकार बनाने का लेगी फैसला, जिंदगी भर घर से कर सकेंगे काम
नीदरलैंड की संसद ने वर्क फ्रॉम होम को कानूनी अधिकार बनाने का फैसला लेने वाली है। पिछले हफ्ते संसद के निचले सदन ने इस जुड़ा हुआ एक प्रस्ताव पारित किया था।नीदरलैंड की संसद में यह बिल ऐसे वक्त आया है, जब दुनिया भर की कंपनियां अपने कर्मचारियों को वापस ऑफिस बुला रही हैं.
नीदरलैंड में कंपनियां फिलहाल बिना कारण बताए कर्मचारियों की वर्क फ्रॉम होम रिक्वेस्ट खारिज कर सकती है, लेकिन इस कानून के बाद उन्हें कारण बताना होगा.अब इस प्रस्ताव को देश के ऊपरी सदन यानी सीनेट की मंजूरी मिलने का इंतजार किया जा रहा है। नीदरलैंड में कोरोना महामारी के पहले भी वर्क फ्रॉम होम का कल्चर प्रचलन में था। नीदरलैंड में कोरोना से पहले भी 14% लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे थे।
2020 में कोरोना की दस्तक के बाद इसमें रिकॉर्ड उछाल दर्ज किया गया है।2015 में नीदरलैंड की संसद में फ्लेक्सिबल वर्किंग एक्ट लाया गया था. इस बिल में कर्मचारियों काम के घंटे, शेड्यूल और यहां तक कि काम की जगह में भी बदलाव के लिए अपील कर सकते हैं.
अब वर्क फ्रॉम होने के लिए जो बिल लाया जा रहा है वह 2015 के बिल का ही एक्सटेंशन है.नीदलैंड में फिलहाल जो कानून लागू है उसमें कपनियों को यह अधिकार है कि अगर वे चाहें तो वर्क फ्रॉम होम के कर्मचारियों की रिक्वेंस्ट को खारिज कर सकती हैं। नया कानून लागू हो गया तो कंपनियां ऐसा नहीं कर सकेंगी।