आँखो की रोशनी हो गई हैं खराब तो सुबह उठकर करें ये काम

एक मिनट के लिए अपनी आँखों बन्द करिये, आपने क्या देखा? जाहिर है आपको कला, घना अधेंरा नजर आया होगा । अब जरा सोचिये क्या हो अगर हमें हर जगह यही अधेंरा नजर आए यानि आँखों की रोशनी चली जाए? इसका ख्याल भी हमारे अदंर डर की कपकपी छोड़ देता है ।

क्योकि आँख इंसान के सबसे जरूरी अंगों में से एक है और सबसे जटिल अंग भी है । इसके बिना हम फूलों पर शबनम की बूँदे नही देख सकते, बच्चे की प्यारी मुस्कान और नंगे पहाड पर छाई हरी घास की चादर भी नही देख सकते ।

केवल आँखो रोशनी खराब होने से हम पूरी तरह इस दुनिया से कट जाते है । इस दुनिया में वसी खूबसूरती और प्यार को नही देख सकते । लेकिन अफसोस की बात है की आज लोग कुदरत के द्वारा दिये गए इस दोफे यानी आँखो की रोशनी से खेलते हैं ( मैं भी उनमे से एक हूँ ) ।

जब भी हम लैपटॉप या मोबाइल पर काम करते हैं तो काम में इतने मगन हो जाते हैं कि एक टक लैपटॉप पर काफी देर तक नजरें गड़ाकर रखते हैं. ऐसे में पलकों को झपकने का मौका काफी देर तक नहीं मिल पाता.

हर चार सेकंड में अपनी पलकों को लगातार झपकाएं और फिर आंखें तेजी से बंद कर लें. कुछ सेकंड बंद रखें और फिर आंखों को खोल लें. दिन में 4 से 5 बार इस प्रक्रिया को दोहराएं. इससे तनाव कम होगा, आंखों की थकान दूर होगी और आंखों में दुबारा से लुब्रिकेशन हो जाएगा.

इसके लिए एक पेन या पेंसिल को एक हाथ की दूरी पर रखकर अपनी आंखों के सामने पकड़ें और उसकी टिप पर फोकस करें. धीरे-धीरे उसे अपनी आंखों की ओर लेकर आएं. जब तक टिप आपको एक से दो न दिखाई देने लगे, तब तक उसे देखते रहें. जैसे ही टिप दो भागों में बंटे, इसे फिर से दूर ले जाएं और इस क्रम को फिर से दोहराएं. एक बार में ये क्रम 10 से 15 बार दोहराएं.

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