पाकिस्तान में इमरान खान की कुर्सी पर मंडरा रहा खतरा , सेना प्रमुख बाजवा ने सुनाया ये फरमान
पाकिस्तान में इमरान खान की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है। इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) की दो दिवसीय बैठक की समाप्ति के बाद बुधवार को सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के नेतृत्व में पाकिस्तानी सेना के शीर्ष अधिकारियों ने उन्हें इस्तीफा देने के लिए कहा है।
पाकिस्तान मीडिया ने बताया कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख और इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) प्रमुख नदीम अंजुम की इमरान खान से मुलाकात के बाद उन्हें सत्ता से बेदखल करने का फैसला बाजवा और तीन अन्य वरिष्ठ लेफ्टिनेंट जनरलों ने लिया था।
रिपोर्टों के अनुसार, सभी चार सैन्य नेताओं ने क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान को बचने का कोई रास्ता नहीं देने का फैसला किया है। पीटीआई सरकार के खिलाफ चल रहे अविश्वास प्रस्ताव के बीच इमरान खान ने शुक्रवार को सेना प्रमुख बाजवा से मुलाकात की थी। बैठक कथित तौर पर देश में हाल के राजनीतिक घटनाक्रमों के इर्द-गिर्द घूमती रही। स्थानीय मीडिया ने बताया कि एजेंडा में ओआईसी शिखर सम्मेलन, बलूचिस्तान में चल रही अशांति और इमरान खान सरकार के खिलाफ अविश्वास कदम शामिल हो सकता है।
इमरान खान और सेना की स्थापना के बीच दरार तब दिखाई दी जब पूर्व ने 11 मार्च को अपने अभद्र भाषा वाले संबोधन में सेना प्रमुख बाजवा के विपक्षी नेताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी का उपयोग नहीं करने के सुझाव को खारिज कर दिया था।
इससे पहले जेयूआई-एफ नेता मौलाना फजलुर रहमान का जिक्र करते हुए इमरान खान ने कथित तौर पर कहा, “मैं सिर्फ जनरल बाजवा (पाकिस्तानी सेना के प्रमुख) से बात कर रहा था और उन्होंने मुझसे फजल को ‘डीजल’ नहीं कहने के लिए कहा था। लेकिन मैं ऐसा नहीं कह रहा हूं। लोगों ने उनका नाम डीजल रखा है।” ।
इमरान खान ने अपनी पार्टी के दलबदलुओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कानूनी रास्ता अपनाया है। उन्हें डर है कि उनकी पार्टी के कुछ नेता उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर उनके खिलाफ मतदान कर सकते हैं। सोमवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर स्पष्टीकरण मांगा कि क्या असंतुष्ट सांसदों को अविश्वास प्रस्ताव के दौरान प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ मतदान के लिए अयोग्य घोषित किया जाएगा।
आपको बता दें कि पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में 342 सदस्य हैं। इनमें पीटीआई के केवल 155 सदस्य हैं। सरकार का अस्तित्व एमक्यूएम-पी (7 सीटें), बीएपी (5 सीटें), पीएमएल (क्यू) (5 सीटें), जीडीए (3 सीटें), एएमएल (1 सीट), जेडब्ल्यूपी (1 सीट) और 2 निर्दली यजैसे सहयोगियों के समर्थन पर निर्भर करता है।
इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार को गिराने के लिए विपक्ष को 342 में से कम से कम 172 वोट हासिल करने हैं। उसके पास पहले से ही कुल 162 सीटें हैं। करीब दो दर्जन सांसदों ने इमरान खान के खिलाफ खुलकर विरोध करने की धमकी दी है।