केंद्र सरकार ने लागू की ये नई व्यवस्था , पीएम किसान सम्मान निधि पाने के लिए किसानो को देना होगा…
राज्य के पेंशनधारियों की तरह किसानों को भी अब देना होगा लाइफ सर्टिफिकेट। पीएम किसान सम्मान निधि पाने के लिए केंद्र सरकार ने यह नई व्यवस्था की है। हालांकि इसके लिए उन्हें डॉक्टर से लिखाने की जरूरत नहीं है।
उन्हें सिर्फ संबंधित पोर्टल पर जाकर ई-केवाइसी भरना होगा। केंद्र सरकार ने सम्मान निधि पाने वाले लगभग 85 लाख किसानों के लिए ई-केवाईसी जरूरी कर दिया है।
इस साल हर हाल में 31 मार्च तक किसानों को ई-केवाईसी देना होगा। जो किसान इस बार ई-केवाईसी नहीं करेंगे, उन्हें सम्मान निधि का भुगतान नहीं हो पाएगा। सरकार की इस नई व्यवस्था में जिन किसानों का मोबाइल आधार से लिंक होगा, वह घर से ही ई-केवाईसी कर सकते हैं। पोर्टल पर प्रक्रिया शुरू करते ही उनके मोबाइल पर ओटीपी आ जाएगा।
ओटीपी डालने के बाद किसान ई-केवाइसी के लिए जरूरी हर जानकारी पोर्टल पर खुद भर सकते हैं। लेकिन जिनका मोबाइल आधार से लिंक नहीं होगा उन्हें निकट के सुविधा केंद्र में जाना होगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने सुविधा केंद्र की राशि भी तय कर दी है। किसानों को इस काम के लिए केंद्रों को 15 रुपये भुगतान करना होगा। राज्य के 84.5 लाख किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि की राशि मिलती है।
हर साल किसानों को छह हजार रुपये दिये जाते हैं। यह राशि उन्हें दो हजार की तीन किस्तों में दी जाती है। लेकिन इसके लिए किसानों को राज्य के कृषि विभाग में निबंधित होना होगा। पहले इसी निबंधन के आधार पर भुगतान होता था। लेकिन केंद्र सरकार ने एक दिसम्बर 2019 से इस योजना में भुगतान को आधार बेस्ड कर दिया है। लिहाजा, किसानों को आधार कार्ड के आधार पर ही भुगतान होता है। पारदर्शिता के लिए अब सरकार ने ई-केवाईसी जरूरी कर दिया है। यह व्यवस्था एक तरह से पेंशनधारियों के लिए जरूरी लाइफ सर्टिफिकेट जैसा ही है।