जम्मू-कश्मीर से होगा पूरी तरह से आतंक का सफाया, सौ आतंकियों की हुई पहचान

जम्मू-कश्मीर में आतंकी नेटवर्क को पूरी तरह से ध्वस्त करने के लिए सुरक्षा एजेंसियां कमर कस चुकी हैं। कश्मीर के अलग-अलग इलाकों में मौजूद आतंकियों में से जैश और लश्कर सहित अन्य गुटों का पूरी तरह सफाया करने के अलावा स्थानीय भर्तियों को रोकना सुरक्षाबलों के लिए चुनौती है, क्योंकि जितने आतंकी मारे जाते हैं उसी अनुपात में नए आतंकियों की भर्ती हो जाती है।

जानकारी के मुताबिक केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर के नौ इलाकों में मौजूद लगभग सौ आतंकियों की पहचान की है। रिपोर्ट के मुताबिक इनमें जैश के आधा दर्जन आतंकियों के अलावा हिजबुल मुजाहिदीन, लश्कर और अल बदर के आतंकी हैं। कश्मीर में सबसे ज्यादा आतंकी पुलवामा में हैं। पुलवामा में अभी दो दर्जन से ज्यादा आतंकियों की मौजूदगी की आशंका है। इनमें सबसे ज्यादा लश्कर के हैं। इसके बाद शोपियां का नंबर हैं। इसी तरह कुलगाम, श्रीनगर, अनंतनाग और बारामुला में भी आतंकियों की मौजूदगी की जानकारी एजेंसियों के पास है।

खुफिया इनपुट के आधार पर आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन कई स्तरों पर चल रहा है। आतंकियों का जमीनी नेटवर्क ध्वस्त करने के लिए कई एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं। एनआईए के अलावा ईडी, सीबीआई, स्थानीय पुलिस, अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियां ग्राउंड नेटवर्क को खत्म करने और वित्तीय स्रोतों, हवाला फंडिंग के खिलाफ ऑपरेशन में जुटी हैं।

सेना, अर्धसैन्य बल और जम्मू- कश्मीर पुलिस आतंकियों का लगातार सफाया कर रही हैं। पिछले दिनों जैश और लश्कर के अलावा हिजबुल के कई आतंकियों को मार गिराया गया। सूत्रों ने कहा पाकिस्तान की कोशिश होती है कि घाटी में आतंकियों की एक स्थिर संख्या बनी रहे। इसलिए जो आतंकी मारे जाते हैं उसी अनुपात में घुसपैठ व स्थानीय आतंकियों की भर्ती के प्रयास बढ़ा दिए जाते हैं। लिहाजा घुसपैठ रोकने और आतंकियों की भर्ती रोकने के लिए भी अलग- अलग टीम अभियान चला रही हैं।

बॉर्डर ग्रिड की मजबूती के चलते ज्यादातर आतंकी घुसपैठ करने की कोशिश में सीमा के आसपास ही मार दिए जाते हैं, जबकि ओजीडब्लू (ओवर ग्राउंड वर्कर) नेटवर्क पर नकेल का फायदा स्थानीय आतंकियों की भर्ती रोकने के लिहाज से मिल रहा है। एजेंसियों को भरोसा है कि ठंड के दौरान आतंकियों के नेटवर्क को बड़ा झटका देने में कामयाब रहेंगे।

Related Articles

Back to top button