यूक्रेन और रूस के बीच तनाव जारी , बॉर्डर पर सैनिकों की तैनाती

यूक्रेन को लेकर रूस और पश्चिमी देशों के बीच तनाव जारी है। इस सबके बीच लगातार सवाल उठ रहे हैं कि क्या रूस यूक्रेन पर हमला करने वाला है? यह सोचने के पीछे की वजह ये है कि रूस ने यूक्रेन बॉर्डर पर सैनिकों की तैनाती में लगातार बढ़ोतरी की है।

इसी सप्ताह सोवियत संघ के विघटन के 30 साल पूरे हो गए हैं। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसे 20वीं सदी की सबसे बड़ी जियोपॉलिटिकल त्रासदी बताया है। पुतिन ने हाल ही में कहा था कि सोवियत के विघटन से हमने हजारों सालों में जो जमा किया था, वो खो दिया। हमने अपने क्षेत्र का करीब 40 फीसद खो दिया।

क्रेमलिन नहीं चाहता है कि यूक्रेन और नाटो के बीच किसी भी तरह का गठबंधन हो जाए और नाटो सेना रूस के बॉर्डर तक पहुंच जाएं। मॉस्को ने पश्चिमी देशों पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है।

तो क्या रूस यूक्रेन पर कब्जा करेगा?रूस ने लगातार पूर्व सोवियत क्षेत्र में नाटो के विस्तार को खत्म करने की मांग करता रहा है। बता दें कि रूस ने यूक्रेन के एक हिस्से क्रीमिया को 2014 में कब्जा लिया था। ऐसे में यूक्रेन के पास रूसी सेना का जमावड़ा पश्चिमी देशों के लिए चिंता का कारण है।

रूस ने साफ कहा है कि यदि मॉस्को को सुरक्षा गारंटी नहीं मिलती है तो हम मिसाइल तैनात करेंगे। हम यह नहीं चाहते हैं लेकिन यह आपकी पसंद है। अगर यूक्रेन कभी भी नाटो में शामिल होता है या नाटो यूक्रेन में सैन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करता है तो हम अमेरिका के सिर पर बंदूक रखेंगे। हमारे पास सैन्य क्षमता है।

यूक्रेन पर रूसी रवैए को लेकर एक्सपर्ट्स का मानना है कि रूस के पास अमेरिका, पश्चिमी देशों और यूक्रेन पर दबाव बनाने के अलावा कोई और रास्ता नहीं है। यह रूस के लिए जीवन या मृत्यु जैसा सवाल है।

क्रीमिया का विलय रूसी जनता के बीच लोकप्रिय साबित हुआ। लेकिन रूसी यूक्रेन के साथ पूर्ण पैमाने पर युद्ध या पश्चिम के साथ सैन्य टकराव नहीं चाहता है। कम से कम अभी के लिए तो नहीं। ऐसे में पश्चिमी देशों को रूस को सुरक्षा गारंटी देनी होगी वरना मामला बिगड़ सकता है।

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