लखीमपुर खीरी कांड के आरोपी आशीष मिश्रा की बेल पर लटकी तलवार , सुप्रीम कोर्ट 4 अप्रैल को करेगा…

लखीमपुर खीरी कांड के आरोपी आशीष मिश्रा की बेल पर तलवार लटकती दिख रही है। किसान आंदोलन के दौरान लोगों पर कार चढ़ाने के आरोपी आशीष मिश्रा की बेल कैंसिल करने को दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 4 अप्रैल को सुनवाई का फैसला लिया है। बीते साल 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में यह घटना हुई थी।

अदालत ने बुधवार को कहा कि उसकी ओर से गठित की गई कमेटी ने भी आशीष मिश्रा की बेल को कैंसिल करने की सिफारिश की है। लखीमपुर खीरी की घटनाओं पर नजर रखने के लिए इस कमेटी का गठन किया गया था।

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा की बेल कैंसिल न किए जाने पर यूपी सरकार को खरी-खोटी भी सुनाई। चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने यूपी सरकार के वकील से कहा, ‘लखीमपुर केस की जांच कर रहे जज ने बेल को कैंसिल करने की सिफारिश की थी। इसके बाद भी ऐसा क्यों नहीं किया गया।’

मृतक किसानों के परिजनों के वकील दुष्यंत दवे ने कहा, ‘मंत्री अजय मिश्रा बेहद प्रभावशाली हैं।’ सीजेआई ने कहा कि एसआईटी ने यूपी के मुख्य गृह सचिव को चिट्ठी लिखकर बेल कैंसिल करने की सिफारिश की थी। मामले की मॉनिटरिंग करने वाले जज ने भी ऐसी ही बात कही थी। इस पर यूपी सरकार के वकील ने कहा कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। मैंने उस रिपोर्ट को देखा नहीं है।

इससे पहले मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट के नोटिस का जवाब दिया गया था। यूपी सरकार से सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि क्या उसने हाई कोर्ट में आशीष मिश्रा की बेल का विरोध किया था। इस पर यूपी सरकार ने कहा कि लखीमपुर खीरी में किसानों को कार से कुचलने के आरोपी आशीष मिश्रा की बेल अर्जी का पुरजोर विरोध किया गया था।

मृतक किसानों के परिजनों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर आशीष मिश्रा की बेल का विरोध किया गया है। इस पर अदालत ने यूपी सरकार को नोटिस जारी किया था, जिसके जवाब में यूपी सरकार ने यह बात कही थी। इसके अलावा यूपी सरकार ने किसानों के परिजनों के उन आरोपों को भी खारिज किया कि वीआईपी लोगों को जाने दिया गया और गवाहों ही सुरक्षा नहीं की गई।

Related Articles

Back to top button