बंधुआ मजदूरों की अंतर-राज्यीय तस्करी से निपटने के लिए बनाएं प्रस्ताव, सुप्रीम कोर्ट का केंद्र को निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ एक बैठक करें और बंधुआ मजदूरों, खासतौर पर बच्चों की अंतरराज्यीय तस्करी की समस्या को सुलझाने के लिए एक विशेष प्रस्ताव तैयार करें
ये ‘गंभीर समस्या’, इस पर बनानी होगी योजना- कोर्ट
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह एक ‘गंभीर समस्या’ है और इसे केंद्र और राज्यों के बीच समन्वय से हल करना होगा। उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में कहा कि, इस पर तुरंत आर्थिक मदद की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए एक योजना बनानी होगी।
बंधुआ मजदूरों की स्थिति पर कोर्ट चिंतित
मामले में न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने उत्तर प्रदेश में रिहा कराए गए 5,264 बंधुआ मजदूरों में से केवल 1,101 को तत्काल वित्तीय सहायता मिलने संबंधी आंकड़े पेश किए जाने को ‘चिंताजनक’ बताया। वहीं बाल बंधुआ मजदूरों की बात करें तो, बच्चों को उनके गृह राज्यों से तस्करी कर पड़ोसी राज्यों में बंधुआ मजदूरी के लिए मजबूर किया जाता है।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या दिया निर्देश
शीर्ष न्यायालय ने मामले में निर्देश दिया कि, श्रम और रोजगार मंत्रालय के सचिव सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सचिवों के साथ बैठक करें। इस समस्या का समाधान खोजने के लिए एक एकीकृत प्रक्रिया तैयार करें। इसके साथ ही राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को भी इस प्रक्रिया में शामिल करें। वहीं डिजिटल समाधान को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लापता बच्चों के पोर्टल की तरह ही बंधुआ मजदूरों की ट्रैकिंग के लिए भी एक पोर्टल होना चाहिए।
मामले में छह हफ्ते बाद फिर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
याचिकाकर्ता ने क्या की अपील, यह मामला उन लोगों के मौलिक अधिकारों के उल्लंघन से जुड़ा है जो बंधुआ मजदूरी के शिकार होते हैं। याचिकाकर्ताओं ने बताया कि बिहार से तस्करी कर उत्तर प्रदेश के ईंट-भट्टों में उन्हें बंधुआ मजदूरी करने पर मजबूर किया जाता है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने मामले को छह हफ्तों बाद अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।