शेयर बाजार में मजबूत क्लोजिंग, सेंसेक्स 268 अंक चढ़ा, निफ्टी 22600 के करीब
वैश्विक बाजारों में बढ़त से मिले सकारात्मक संकेतों के बाद भारतीय शेयर बाजार बुधवार को हरे निशान पर खुले। इस बीच निवेशकों की नजर अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की पॉलिसी मिटिंग के मिनट्स पर बनी रही ताकि वे ब्याज दरों में कटौती पर अनुमान लगा सकें। बुधवार को सुबह 10 बजकर 23 मिनट पर सेंसेक्स 74.26 (0.10%) अंकों की बढ़त के साथ 74,027.57 पर कारोबार करता दिखा। दूसरी ओर, निफ्टी 15.61 अंक (0.07%) चढ़कर 22,544.65 पर पहुंच गया।
आज जारी होने हैं फेडरल रिजर्व के मिनट्स
अमेरिका में ब्याज दरों पर फेडरल रिजर्व की हालिया बैठक के मिनट्स आज जारी होने हैं। निवेशकों को इससे ब्याज दरों पर स्पष्टता हासिल होने की उम्मीद है। उन्हें इन मिनट्स से इस बात का अनुमान लगने की उम्मीद है कि केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में कब कटौती शुरू करेगा।
भारतीय बाजार की बात करें तो देश में जारी आम चुनाव के परिणामों की अनिश्चितता और विदेशी संस्थागत निवेशकों की ओर से जारी बिकवाली के कारण घरेलू शेयर बाजार एक सीमित दायरे में कारोबार करता दिखा। भारतीय आम चुनाव के के परिणाम 4 जून 2024 को आने हैं।
रिलायंस इंडस्ट्रीज और अल्ट्राटेक सीमेंट के शेयरों में बढ़त
सेंसेक्स के शेयरों में रिलायंस इंडस्ट्रीज, अलट्राटेक सीमेंट, एचयूएल, एनटीपीसी और एशियन पेंट्स के शेयर बढ़त के साथ खुले। वहीं, सन फार्मा, जेएसडब्ल्यू स्टील, टाटा मोटर्स और एसबीआई के शेयर गिरावट के साथ कारोबार करते दिखे। इलेक्टोलाइजर के विनिर्माण के लिए नीलएएसए की सब्सिडियरी नील हाइड्रोजन इलेक्टोलाइजर एएस के साथ तकनीकी लाइसेंस करार की जानकारी देने के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों के शेयर दो प्रतिशत तक उछले हैं।
सेक्टरवार देखें तो निफ्टी रियल्टी 1.3% चढ़ा। लोढ़ा, फीनिक्स मिल्स और प्रेस्टीज एस्टेट्स प्रोजेक्ट्स के शेयरों में बढ़त दिखी। इसके अलावे एफएमसीजी, ऑयल व गैस, आईटी और पीएसयू बैंक सेक्टर भी बढ़त के साथ खुले। वहीं, निफ्टी ऑटो, वित्तीय सेवाएं और निजी क्षेत्र बैंक सेक्टर में गिरावट दिखी।
रुपया शुरुआती कारोबार में सात पैसे चढ़कर 83.24 प्रति डॉलर पर खुला
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के बीच बुधवार को रुपया शुरुआती कारोबार में सात पैसे की बढ़त के साथ अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 83.24 पर पहुंच गया। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि घरेलू बाजार में कमजोर रुख और विदेशी पूंजी की निकासी के कारण स्थानीय मुद्रा पर दबाव रहा।