चुनाव से पहले शरद पवार को सुप्रीम कोर्ट से झटका, अजित पवार के पास ही रहेगा ‘घड़ी’ का निशान
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट से गुरुवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के संस्थापक शरद पवार को बड़ा झटका लगा। दरअसल, कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) का घड़ी चिह्न अजित पवार के पास ही रहेगा। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले यह फैसला आया है। हालांकि कोर्ट ने कहा कि अजित पवार गुट को उसके पहले के आदेश का पलन करते हुए चुनाव प्रचार के दौरान ‘डिस्क्लेमर’ जोड़ना होगा, जिसमें यह स्पष्ट किया जाएगा कि मामले पर अभी अंतिम फैसला नहीं लिया गया है।
जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस उज्जल भइयां की पीठ ने कहा, अगर हमें लगेगा कि जानबूझकर हमारे आदेश का उल्लंघन किया जा रहा है, तो हम खुद ही अवमानना की कार्यवाही शुरू कर सकते हैं। शरद पवार गुट की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का यह अस्थायी फैसला आया है। शरद पवार गुट ने चुनाव आयोग के उस फैसले को चुनौती थी, जिसमें पार्टी का नाम और चिह्न अजित पवार गुट को दे दिया गया था।
इस बार, शरद पवार ने सुप्रीम कोर्ट में शिकायत की थी कि अजित पवार गुट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया है और कोई डिस्क्लेमर नहीं जोड़ा, जिससे मतदाताओं में असमंजस पैदा हुई। इसके बाद कोर्ट ने अजित पवार गुट को नोटिस जारी किया। जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने उप मुख्यमंत्री अजित पवार और अन्य को नोटिस जारी कर याचिका पर जवाब देने को कहा है। शीर्ष कोर्ट ने अजित पवार गुट को निर्देश दिया कि वह 19 मार्च और 24 अप्रैल को दिए गए निर्देशों के अनुसार एक हलफनामा दाखिल करें।