गृह प्रवेश के लिए शुभ मानी जाती है शारदीय नवरात्रि, बस जान लें कुछ जरूरी नियम

इस साल 15 अक्तूबर से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। नवरात्रि का ये पावन पर्व 15 अक्तूबर से शुरू होकर 24 अक्तूबर तक मनाया जाएगा, जिसमें 23 अक्तूबर को नवमी और 24 अक्तूबर को दशहरा यानी विजया दशमी है।

धार्मिक दृष्टि से नवरात्रि का बहुत ही ज्यादा महत्व है। यह पर्व हर साल बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है। नवरात्रि के पावन दिनों में लोग व्रत रखते हैं और देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना करते हैं। वहीं शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि के पावन दिन कई कार्यों की शुरुआत के लिए भी शुभ माने जाते हैं। मान्यता है कि नवरात्रि के ये नौ दिन बहुत शुभ होते हैं। इस दौरान आप बिना मुहूर्त देखे कोई भी शुभ कार्य कर सकते हैं।

नवरात्रि के शुभ मौके पर सबसे ज्यादा लोग कोई नया बिजनेस शुरू करते हैं या फिर अपने नए घर में प्रवेश करते हैं। मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान गृह प्रवेश करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही मां लक्ष्मी का वास होता है। ऐसे में यदि आप भी इस बार शारदीय नवरात्रि के दौरान गृह प्रवेश करने की सोच रहे हैं तो आपको कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए। चलिए जानते हैं शारदीय नवरात्रि में गृह प्रवेश के नियम…

कलश
कलश को बहुत शुभ माना जाता है। कलश के बिना गृह प्रवेश नहीं किया जाता है, इसलिए नए घर में प्रवेश करने के लिए कलश जरूर रखें। सबसे पहले एक कलश लेकर इसमें जल भर कर उसमें आम की 8 पत्तियां और नारियल रखें। फिर कलश और नारियल पर कुमकुम से स्वस्तिक का चिन्ह जरूर बनाएं। इसके अलावा कलश के साथ मांगलिक चीजें जैसे- नारियल, हल्दी, गुड़, अक्षत को जरूर लें जाएं।

बंदनवार जरूर लगाएं
नवरात्रि में गृह प्रवेश से पहले घर के मुख्य द्वार पर अशोक या आम के पत्तों और गेंदे के फूल से बना बंदनवार यानी तोरण जरूर लगाएं। इसके अलावा मुख्य द्वार पर अबीर और रंगों की सहायता से मां लक्ष्मी के पद चिन्ह और रंगोली भी बनाएं। ऐसा करने से घर में शुभता आती है।

पति-पत्नी एक साथ करें प्रवेश
अगर आप शादीशुदा हैं तो नए घर में प्रवेश करते समय पति-पत्नी साथ में प्रवेश करें। नए घर में प्रवेश करते समय पति को अपना दाहिना पैर और पत्नी को बायां पैर आगे रखना चाहिए।

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