भारत में सीड्स विदाउट बॉर्डर्स में 11 देशों से आ रहे हैं बीज, यूपी में मॉडल के रूप में किया जाएगा विकसित
वाराणसी: अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (इरी) दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में आधुनिक चावल की किस्मों के साथ ही फसलों को भी बढ़ाने में लगा है। अभी एशिया के 11 देशों से समझौते के तहत विभिन्न फसलों के बीजों के आदान-प्रदान हो रहे हैं। इसमें भारत के अलावा बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, कंबोडिया आदि देश शामिल हैं।
भारत में उत्तर प्रदेश में इस क्षेत्र का विस्तार कर मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां तमाम संभावनाएं हैं, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्नत बीज उपलब्ध करा सकती हैं। इरी की महानिदेशक डॉ. यिवोन पिंटो ने नेशनल सीड कांग्रेस के दौरान पत्रकारों को बताया कि भारत में वह ताकत है जो उन्नत बीज उत्पादन में विकसित मॉडल बन सकता है। इससे आगे आम जनता भी जुड़ेगी। रोडमैप बनाकर योजना तय होगी।
अभी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दक्षिण और फिलीपींस, वियतनाम और फिजी सहित 11 देशों से सीड्स विदाउट बॉर्डर्स समझौते के तहत धान, दाल, तिलहन, सब्जियां, गन्ना, आलू, मक्का रेशे वाली फसलों का आदान-प्रदान हो रहा है।डॉ. यिवोन ने बताया कि समझौते में जड़, कंद और फल को भी शामिल करने की तैयारी है। भारत में बांग्लादेश से धान, जूट की 10 प्रजातियां आ चुकी हैं। छह से अधिक भारत से भेजी हैं। बांग्लादेश ने इसी साल चार प्रजातियां भारत से मांगीं।