मामलों की जांच के लिए सेबी ने आई को अपनाया, पूर्णकालिक सदस्य बोले- पारदर्शिता बढ़ाने के हो रहे उपाय
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) नियमों के उल्लंघन से जुड़े मामलों की जांच के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का इस्तेमाल कर रहा है। सेबी के स्थायी (पूर्णकालिक सदस्य) सदस्य कमलेश चंद्र वार्ष्णेय ने शनिवार को इसकी जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विभिन्न इकाइयों को तकनीक में हो रहे बदलावों पर नजर रखनी चाहिए।
शेयर बाजार में हेराफेरी की घटनाओं की पृष्ठभूमि में सेबी के सदस्य ने कहा कि संदेश यह है कि कानून का पालन करना अधिक फायदेमंद होगा और इसका उल्लंघन करने से समस्याएं पैदा होंगी। पीटीआई द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या सेबी एआई का उपयोग कर रहा है, वार्ष्णेय ने कहा, ‘हम जांच के लिए एएआई का इस्तेमाल कर रहे हैं… और बहुत सी चीजों के लिए भी इसका उपयोग किया जा रहाहै “।
वार्ष्णेय नई दिल्ली में एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंज मेंबर्स ऑफ इंडिया (एएनएमआई) के 13वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन से इतर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि जब तक बाजार पारदर्शी है और कोई हेराफेरी नहीं हो रही है, तब तक नियामक के नजरिये से यह ठीक है।
भारतीय प्रतिभूति व विनिमय बोर्ड (सेबी) शेयर बाजार में नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ-साथ पारदर्शिता बढ़ाने और गलत काम पर लगाम लगाने के उपाय कर रहा है।