जोगेश्वरी भूमि मामले में शिवसेना नेता रवींद्र वायकर को राहत, EOW ने दाखिल की क्लोजर रिपोर्ट

मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने शिवसेना सांसद रवींद्र वायकर, उनकी पत्नी और चार करीबी सहयोगियों के खिलाफ दर्ज जोगेश्वरी भूमि मामले में क्लोजर रिपोर्ट दायर कर दी है। ईओडब्ल्यू ने कहा कि बीएमसी की ओर से दायर शिकायत ‘अधूरी जानकारी और गलतफहमी’ पर आधारित थी। वायकर पूर्व में शिवसेना उद्धव गुट में थे पर लोकसभा चुनाव से कुछ समय पूर्व ही वे सीएम एकनाथ शिंदे की नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल हो गए थे।

वायकर फिलहाल मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से सांसद हैं। उन्होंने हालिया लोकसभा चुनाव में ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार अमोल कीर्तिकर को 48 मतों के मामूली अंतर से हराया था। कभी ठाकरे के करीबी रहे वायकर इस साल मार्च में शिंदे की शिवसेना में शामिल हो गए थे।

वायकर के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, उन्होंने जोगेश्वरी में एक भूखंड पर क्रीड़ा केंद्र के संचालन की अनुमति मिलने के बाद बृह्नमुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के साथ एक अनुबंध किया था। प्राथमिकी के अनुसार, यह अनुमति उस वक्त दी गई थी जब अविभाजित शिवसेना, अविभाजित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस के गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) की सरकार थी।

वर्ष 2023 की शुरुआत में, एक होटल के निर्माण के सिलसिले में सार्वजनिक उद्यान के लिए आरक्षित भूखंड का उपयोग करने को लेकर उन्हें एक नोटिस जारी किया गया था। अपराध शाखा के एक अधिकारी ने कहा, “ईओडब्ल्यू ने वायकर, उनकी पत्नी मनीषा और चार करीबी सहयोगियों के खिलाफ दर्ज मामले में बृहस्पतिवार को एक अदालत में ‘क्लोजर रिपोर्ट’ दाखिल की। मामले को बंद करने का कारण अधूरी जानकारी और गलतफहमी बताया गया है।”

ईओडब्ल्यू के ‘क्लोजर रिपोर्ट’ दाखिल करने के बाद विपक्ष ने शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस के नेता सचिन सावंत ने आरोप लगाया कि वायकर के खिलाफ मामला बंद करना राज्य में पिछले 10 साल से जारी राजनीतिक ‘ब्लैकमेल’ का एक और उदाहरण है।

उन्होंने दावा करते हुए कहा, “भाजपा की वॉशिंग मशीन की क्रोनोलॉजी यह है कि पार्टी नेता किरीट सोमैया आरोप लगाएंगे, शिकायत दर्ज कराएंगे। जांच एजेंसियां छापे मारेंगी और आरोपी व्यक्ति व उसके परिवार को डराएंगी। उस व्यक्ति को भाजपा या उसके सहयोगी दल में शामिल होना होगा और फिर उसे क्लीन चिट मिल जाएगी।”

शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा, “जांच एजेंसियों से डरकर वायकर भाग गए और हमें छोड़ दिया। अब उन्हें क्लीन चिट मिल गई है। आप और क्या उम्मीद कर सकते हैं?”

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