प्रियंका गांधी ने महिलाओं के लिए की ये बड़ी घोषणा, किया सरकारी नौकरियों…का वादा

प्रियंका गांधी ने महिलाओं के लिए अलग से कांग्रेस का घोषणापत्र जारी किया है। ‘शक्ति विधान’ नाम से जारी इस घोषणा पत्र में सरकारी नौकरियों में 40 प्रतिशत आरक्षण के साथ-साथ महिलाओं के स्वाभिमान, स्वालम्बन, शिक्षा, सम्मान, सुरक्षा और सेहत के लिए कई महत्वपूर्ण ऐलान किए गए हैं।

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि घोषणापत्र में ये घोषणा की है कि नए सरकारी पदों में आरक्षण प्रावधानों के अनुसार 40% महिलाओं की नियुक्ति होगी। उन्होंने कहा कि राजनीति में हम 40% हिस्सेदारी से शुरू कर रहे हैं, हम चाहते हैं कि ये एक दिन 50% बने। कामकाजी महिलाओं के लिए 25 शहरों में सुरक्षित और नवीनतम सुविधाओं वाले छात्रावास बनाए जाएंगे, मनरेगा में महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।

प्रियंका गांधी ने कहा कि वर्तमान समय में सिर्फ 9.4 प्रतिशत महिलाएं कामकाजी हैं। महिलाओं को 40 प्रतिशत आरक्षण का मतलब यह है कि कांग्रेस यदि 20 लाख रोजगार देगी तो आठ लाख रोजगार महिलाओं के लिए होंगे।

इसके अलावा अपने संस्थानों में 50 प्रतिशत पदों पर महिलाओं को अवसर देने वाले व्यवसायिक प्रतिष्ठानों-संस्थानों को करों में छूट दी जाएगी। ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का मानदेय 10 हजार रुपए प्रतिमाह किया जाएगा। राशन की 50 प्रतिशत दुकानों का प्रबंधन और संचालन महिलाओं को दिया जाएगा।

शिक्षा में लड़कियों को आगे ले जाने के लिए बारहवीं की छात्राओं को स्मार्ट फोन दिए जाएंगे। कोरोना काल में छात्राओं की पढ़ाई के लिए सबसे बड़ा संकट स्मार्ट फोन का ही था। स्मार्ट फोन आज शिक्षा और सुरक्षा दोनों का माध्यम हैं। उ

न्होंने कहा कि कांग्रेस स्नातक स्तर की हर छात्रा को स्कूटी देने का ऐलान पहले ही कर चुकी है। इस अलावा प्रदेश में वीरांगनाओं के नाम पर 75 विद्यालयों का निर्माण किया जाएगा। संध्या विद्यालय बनाए जाएंगे जहां महिलाएं अपनी सुविधानुसार आकर शिक्षा प्राप्त कर सकें। वहां सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया जाएगा।

लड़कियों की शिक्षा पर केंद्र और प्रदेश सरकार को घेरते हुए प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि वर्ष 2014 के बाद से शिक्षा का बजट लगातार घटाया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान का 60 प्रतिशत बजट सिर्फ विज्ञापन पर खर्च हुआ।

सरकार ने सिर्फ अपने विज्ञापन पर ध्यान दिया। लड़कियों-महिलाओं को भागीदार बनाने की कोशिश नहीं की। प्रियंका ने कहा कि राजनीतिक दल महिलाओं की शक्ति को पहचानते हैं। जानते हैं कि महिलाएं यदि अपनी शक्ति को राजनीतिक शक्ति में बदल दें तो जातिवाद और सम्प्रदाय वाद नहीं चलेगा। विकास की राजनीति करनी पड़ेगी।

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