उत्तराखंड में बिजली संकट, राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से लगाई गुहार
उत्तराखंड में गहरा रहे बिजली संकट के बीच राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से गुहार लगाई है। उत्तराखंड ने केंद्र से सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध कराने और सेंटर पूल से मिलने वाला कोटा बढ़ाने की मांग की है।उत्तराखंड को रोज 44 मिलियन यूनिट से ज्यादा बिजली की जरूरत पड़ रही है।
अपने संसाधनों से उसके पास सिर्फ 12एमयू बिजली है। शेष 32 एमयू बिजली के लिए उत्तराखंड केंद्र और बाजार पर निर्भर है। अभी राज्य को सेंटर पूल से 17 एमयू तक बिजली मिल रही है। शेष 15 एमयू बिजली रोज बाजार से खरीदी जा रही है। राज्य इस पर प्रतिदिन 15 से 20 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है।
डेढ़ महीने में करीब 400 करोड़ रुपये की बिजली बाजार से ली जा चुकी है। सेंटर पूल को अप्रैल का करीब 500 करोड़ का भुगतान अलग से करना है। इन विपरीत हालात से निपटने में राज्य ने केंद्र से मदद की मांग की है। राज्य ने पीएमओ को भेजे पत्र में चारधाम यात्रा का भी हवाला देते हुए विशेष राहत देने की मांग की है ताकि बिजली संकट से किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो।
राज्य सरकार ने केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय को पत्र भेज रियायती दर पर गैस उपलब्ध कराने की मांग की है। इससे राज्य के दो गैस आधारित पावर प्लांटों का संचालन किया जा सके। दोनों प्लांटों से प्रतिदिन 8.5 एमयू बिजली मिलती थी जो लंबे समय से ठप है। पत्र में बताया गया है कि राज्य का एक बड़ा क्षेत्र वन है। इसी के साथ स्नो बाउंड एरिया भी है। ऐसे में यहां सोलर बिजली उत्पादन की भी सीमित संभावनाएं हैं। इन तमाम स्थितियों को देखते हुए राज्य को ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए सस्ती गैस दी जाए।
राज्य में बिजली संकट के बीच कालागढ़ स्थित 198 मेगावाट के रामगंगा पावर प्लांट से राहत की खबर आई। इस प्लांट ने अप्रैल के तय लक्ष्य 5.52 के मुकाबले 41.60 एमयू बिजली उत्पादन हुआ है। यूजेवीएनएल के एमडी संदीप सिंघल ने बताया कि यूपी सिंचाई विभाग से तालमेल स्थापित करते हुए बिजली उत्पादन बढ़ाया है। दैनिक उत्पादन भी दो एमयू से बढ़कर तीन एमयू हो गया है। इस प्लांट का उत्पादन रामगंगा बांध पर निर्भर रहता है। इसका नियंत्रण पूरी तरह यूपी सिंचाई विभाग के अधीन है।