अतिथि प्रवक्ताओं की भर्ती रोकने के अदालती आदेश से पॉलिटेक्निक छात्र चिंतित, CM शिंदे को भेजा पत्र
मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को राज्य के सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेजों के छात्रों ने पत्र लिखा है। छात्रों ने इस पत्र में बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद अतिथि प्रवक्ताओं की भर्ती प्रक्रिया रोकने से होने वाले शैक्षणिक नुकसान पर चिंता व्यक्त की है।
आपको बता दें कि बॉम्बे उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने 23 जुलाई को एक आदेश पारित किया था। इस आदेश में महाराष्ट्र के सभी पॉलिटेक्निक कॉलेजों में अतिथि प्रवक्ताओं की भर्ती प्रक्रिया को रोकने का आदेश दिया था। दरअसल, उच्च न्यायालय में 144 अतिथि प्रवक्ताओं ने नियमितीकरण और स्थायी नौकरी की मांग को लेकर याचिका दायर की थी। अदालत ने इस याचिता पर सुनवाई के दौरान आदेश जारी किया था।
अब पॉलिटेक्निक कॉलेजों के छात्रों ने महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे को ईमेल के जरिए पत्र भेजकर इस मामले में चिंता व्यक्त की है। पत्र में कहा गया है कि उच्च न्यायालय का यह फैसला छात्रों के शैक्षणिक नुकसान का कारण बनेगा। छात्रों ने कहा, ‘स्थायी प्रवक्ताओं की कमी ने हमें मुश्किल में डाल दिया है। हम अपनी परीक्षा की तैयारी और शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर चिंतित हैं। इससे, दो सेक्शन के छात्रों को एक साथ कक्षाएं लेनी पड़ रही हैं। इस वजह से एक बार में एक कक्षा में छात्रों की संख्या लगभग 150 हो जाती है। इस तरह से शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।’
उधर, तनत्रनिकेतन अभ्यागत अध्यापक कल्याण संघ के सचिव पुरुषोत्तम बहेटवार ने कहा कि अतिथि प्रवक्ताओं की भर्ती रोकने की वजह से छात्रों को पढ़ाई के मामले में नुकसान हो रहा है। इसके अलावा लातूर के सरकारी महिला आवासीय पॉलिटेक्निक कॉलेज में सेवा दे चुके अतिथि प्रवक्ता सुधीर सालुंखे ने कहा, ‘हम छात्रों को शैक्षणिक नुकसान से बचाने के लिए मुफ्त में कक्षाएं चला रहे थे, लेकिन हमें छात्रों को पढ़ाना रोकना पड़ा।’