बिहार में जाति आधारित जनगणना को लेकर राजनीति गरमाई, नीतीश कुमार कर सकते है ऐसा

बिहार में जाति आधारित जनगणना को लेकर राजनीति गरमाई हुई है। इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री ने जातीय जनगणना के सवाल करने पर कहा कि सभी दल एक साथ बैठकर इसका निर्णय करेंगे।

राज्य के अंदर इसे लेकर जो कराना होगा, वह सभी की अनुमति से होगा। हम अपनी ओर से अभी कोई घोषणा करना उचित नहीं समझते। विधानसभा उपचुनाव के बाद इस मामले में बैठक की जाएगी।

दरअसल, राज्य के मुख्यमंत्री ने सोमवार को जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बात की। इस दौरान उनसे बिहार में चल रहे जातीय जनगणना सहित कई मुद्दों को लेकर सवाल-जवाब किए गए।

उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना बहुत ही अच्छे ढंग से की जाएगी, जिससे सही जानकारी प्राप्त हो। इसके लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। मेहनत करके एक-एक चीज नोट करना होगा।

सवालिया लहजे में कहा कि कोई जाति है, जिसमें उपजातियां नहीं होती हैं? हर जाति की उपजातियों के साथ जानकारी लेनी होगी। तभी जान पाएंगे कि किनकी कितनी संख्या है। किनके लिए कितने अच्छे से काम किया जाये, जिससे सब तबकों का विकास हो। देश का भी विकास होगा।

बिजली के मुद्दों पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि आवश्यकता के अनुसार बिहार को बिजली नहीं मिल पा रही है। जिन कंपनियों से बिजली की खरीद होती है, वहां उत्पादन कम होने से ऐसा हो रहा है। इसके कारण समस्या आई है। इस कारण राज्य सरकार अधिक कीमत पर बिजली की खरीद कर लोगों को उपलब्ध करा रही है। स्थिति को सामान्य करने में ऊर्जा विभाग लगा हुआ है।

उन्होंने कहा कि एनटीपीसी और कई निजी कंपनियों से बिजली लेते थे। जितनी आपूर्ति का प्रावधान था, उतनी नहीं हो रही है। ज्यादा दाम पर बिजली खरीद कर अब करीब-करीब आवश्यकता अनुरूप उपलब्ध करने की स्थिति में हमलोग हैं। पीक आवर में 5500-5600 मेगावाट बिजली उपलब्ध हो रही है। स्थिति को ठीक करेंगे। इसके लिए ऊर्जा विभाग पूरे तौर पर लगा हुआ है।

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