नागरिकता संशोधन कानून पर सियासी तकरार, केजरीवाल के बयान पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का पलटवार
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार के देश में सीएए लागू करने के निर्णय का विरोध किया है। आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सीएए देशहित में नहीं है। केंद्र सरकार देश के करोड़ों लोगों को रोजगार व मकान नहीं दे पाई है, वहीं वह पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान से आने वाले करोड़ों लोगों को नौकरी व मकान देगी। दरअसल, भाजपा सीएए लाकर देश के साथ ऐसा खिलवाड़ वोट बैंक के लिए कर रही है। जहां भाजपा का वोट कम है, वहां दूसरे देशों के गरीब लोगों को झुग्गियां बनाकर बसाया जाएगा। उन्होंने चुनाव से पहले सीएए लाने पर भी सवाल उठाया।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में सीएए का विरोध करते हुए कहा कि देश पर 10 साल राज करने के बाद लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपाइयों को सीएए की बात करनी पड़ रही है। अगर वह 10 साल में कुछ अच्छा काम कर लेते तो आज सीएए की जगह अपने काम पर जनता से वोट मांग रहे होते। आज देश में सबसे बड़ी समस्या महंगाई और बेरोजगारी है। ऐसे में केंद्र सरकार इनका समाधान ढूंढने के बजाय सीएए की बात कर रही है।
उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार के अनुसार पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यक अगर भारत की नागरिकता लेना चाहें तो उनको भारत की नागरिकता दे दी जाएगी। इसका मतलब है कि इन तीनों देशों से बड़ी संख्या में अल्पसंख्यकों को भारत में लाया जाएगा। उनको भारत में बसाया जाएगा, उनको रोजगार और घर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह कितनी अजीब बात है कि केंद्र की भाजपा सरकार हमारे बच्चों को रोजगार नहीं दे रही है और वह पाकिस्तान से अल्पसंख्यकों को लाकर उनके बच्चों को रोजगार देना चाहती है। हमारे लोगों के पास तो घर नहीं है, भारत के ढेरों लोग बेघर हैं, लेकिन भाजपा पाकिस्तान से ढेरों लोगों को भारत में बसाकर घर देना चाहती है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में ढाई से तीन करोड़ अल्पसंख्यक हैं। यह तीनों देश बहुत ही गरीब देश हैं। जैसे ही भारत के दरवाजे खुलेंगे, इन तीन देशों से भारी भीड़ हमारे देश में आ जाएगी।
कोई भी देश अपने पड़ोसी देश के लोगों को नहीं लाना चाहता : केजरीवाल ने कहा कि भाजपा वाले पूरी दुनिया से बिल्कुल उल्टा चल रहे हैं। पूरी दुनिया में कोई भी देश अपने पड़ोसी देशों के गरीबों को अपने घर नहीं लाना चाहता है। पड़ोसी देशों के लोगों को अपने देश में आने से रोकने के लिए पूरी दुनिया में हर देश तरह-तरह के कानून बना रहा है, बॉर्डर पर दीवारें लगाता है, बॉर्डर पर बिजली की तारें लगाई जाती हैं।