उत्तराखंड चुनाव 2022: मीलों पैदल चलेंगे मतदान कर्मी, वजह जानकर लोग हुए हैरान

उत्तराखंड चुनाव 2022:लोकतंत्र में एक – एक वोट कीमती है, जाति, धर्म, लिंग, उम्र की सीमा और सामाजिक स्तर से परे। इसलिए निर्वाचन मशीनरी एक- एक वोट दर्ज करने के लिए लंबी चौड़ी कसरत कर रही है।

उत्तरकाशी जिले के एक बूथ पर महज 67 वोट के लिए पोलिंग पार्टी 10 किमी पैदल रास्ता तय करेगी, तो कोटद्वार विधानसभा के ढिकाला केंद्र पर दर्ज महज 14 वोट के लिए टीम को दो सौ किमी का सफर तय करना होगा।

पौड़ी जिले की कोटद्वार विधानसभा का बूथ ढिकाला, जिम कार्बेट पार्क के अंदर स्थित है। वन विभाग के इस आवासीय परिसर में कुल 14 वोट दर्ज हैं। इसके लिए निर्वाचन टीम को कोटद्वार से नजीमाबाद होते हुए दो सौ किमी की दूरी तय करनी होगी। निर्वाचन टीम 12 फरवरी को ही मंजिल के लिए रवाना हो जाएगी, टीम को आने जाने में चार दिन लगने हैं।

पिछली बार यहां पर शत प्रतिशत मतदान सम्पन्न हुआ था। इसी तरह देहरादून जिले की चकराता सीट के धामिक मतदान केंद्र में महज 68 मतदाता हैं, इस मतदेय स्थल की सड़क मार्ग से पैदल दूरी दो किमी से अधिक की है।

रुद्रप्रयाग जिले की केदारनाथ विधानसभा का रैल गांव सबसे कम मतदाता वाला पोलिंग बूथ है। इस बूथ पर महज 50 मतदाता पंजीकृत हैं। इस बूथ पर चुनाव सम्पन्न कराने के लिए निर्वाचन टीम को चार किमी की पैदल दूरी तय करनी होगी। हालांकि यहां लोग मतदान में उत्साह से भाग लेते हैं, पिछली बार कुल 45 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।

उत्तरकाशी जिले में पुरोला विधानसभा का सबसे कम मतदाता वाला पोलिंग बूथ जखाली(बनाल) है। जहां कुल 67 मतदाता पंजीकृत हैं, जिसमें 40 पुरुष और 27 महिला मतदाता शामिल हैं।

इस बूथ तक पहुंचने के लिए निर्वाचन टीम को 10किमी पैदल चलना होगा। दूसरी तरफ टिहरी जिले के दूरस्थ गांव गंगी के बूथ पर 109 मतदाता पंजीकृत है। सड़क से मतदान केन्द्र की दूरी करीब डेढ़ किमी है। बीते विधानसभा चुनाव में 76 मतदाताओं ने मतदान किया था।

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