देहरादून के अस्पतालों मे जीका-नोरो वायरस को लेकर अलर्ट , सावधान हो जाए लोग
देहरादून के अस्पतालों को जीका-नोरो वायरस को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। सीएमओ डॉ. मनोज उप्रेती से जारी दिशानिर्देश में कानपुर और केरल से आने वाले लोगों पर विशेष निगरानी रखने को कहा गया है।
इनकी सूचना तत्काल अफसरों को देने और लक्षण दिखने पर जांच करने को कहा गया है। जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. राजीव दीक्षित की अगुवाई में आईडीएसपी की टीम भी अलर्ट है। कोरोना, डेंगू, स्वाइन फ्लू और दिमागी बुखार को लेकर भी सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है।
सीएमओ ने बताया कि केरल के एक कॉलेज के छात्रों में नए तरह के वायरस से बीमार होने का पता लगा है। इससे मरीज को पेट से जुड़ी परेशानियां हो रही हैं। कानपुर में जीका वायरस के मामले बढ़ रहे हैं। इसलिए दून के अस्पतालों को अलर्ट किया जा रहा है। उन्होंने निर्देश दिए कि बाहर से आने वाले खासकर केरल और कानपुर के मरीजों में यदि लक्षण दिखाई दें।
वे ओपीडी में आते हैं तो नाम-पता और मोबाइल नंबर नोट किया जाए और सूचना सीएमओ कार्यालय को दी जाए। मरीज को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ेगी तो ऐसा भी किया जाए। वहीं, दून अस्पताल के डॉ. नारायणजीत सिंह कहते हैं कि अगर बुखार, सर्दी, खांसी, जुकाम, सांस में दिक्कत और पेट में गड़बड़ी हो तो डॉक्टरी सलाह के बिना कोई भी दवा न लें।
गांधी अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. प्रवीण पंवार, दून अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. अंकुर पांडेय कहते हैं कि जीका वायरस मच्छर के कारण फैलता है। यह वायरस एडीज एजिप्टी प्रजाति के मच्छर के काटने से होता है।
ये वही मच्छर है जो डेंगू और चिकनगुनिया भी फैलाता है। अधिकतर व्यक्तियों में जीका का संक्रमण कोई गंभीर समस्या नहीं है, लेकिन यह गर्भवती महिलाओं और खासतौर से भ्रूण के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। बुखार, लाल चकत्ते, मांसपेशियों में दर्द, सिर दर्द, उल्टी आना जीका वायरस के लक्षण हो सकते हैं। ये लक्षण काफी हद तक फ्लू से मिलते-जुलते ही हैं। कई बार लक्षण साफ नजर नहीं आते या फिर काफी हल्के होते हैं।