पंडित अभय नारायण मल्लिक का 86 साल की उम्र में हुआ निधन, संगीत नाटक एकेडमी अवार्ड से किये गए थे सम्मानित

ध्रुपद गायकी के स्तंभ पंडित अभय नारायण मल्लिक का  निधन हो गया। कालीदास सम्मान और संगीत नाटक एकेडमी अवार्ड जैसे संगीत के अनेकों सम्मान पाने वाले पंडित जी ने अपने ग्रेटर नोएडा स्थित निवास स्थान पर आखिरी सांस ली।
सेनीया परंपरा के गौहारवाणी शैली को गाने वाले पंडित जी अपने घराने के वरिष्ठ गायक थे। देश-विदेश में अनेकों प्रस्तुति पंडित जी ने दीं और लोगों का दिल जीता। पंडित जी छत्तीसगढ़ के इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय से 1984 में बतौर रीडर जुड़े। शास्त्रीय संगीत के हेड ऑफ डिपार्टमेंट एवं DEAN के पद से 1998 में रिटायर हुए। 

बिहार सरकार, मध्य प्रदेश सरकार और यूपी सरकार ने उन्हें राजकीय सम्मान से नवाजा। पंडित अभय नारायण मल्लिक अपनी चंहुमुखी गायकी के लिए शास्त्रीय संगीत की दुनिया में अलग पहचान रखते थे। उन्होंने गुरू शिष्य परंपरा के तहत कई शिष्य बनाए। उनके पीछे दरभंगा मलिक घराने की 300 वर्षों की परंपरा और उनकी विरासत है। पंडित जी के निधन से संगीत क्षेत्र में शोक की लहर है।

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