सिख अल्पसंख्यकों को लहगातार प्रताड़ित कर रहा पाकिस्तान , अपनी हरकतों से नहीं आ रहा बाज

पाकिस्तान में सिख अल्पसंख्यकों को लहगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए सुनियोजित तरीके से उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। अल अरबिया पोस्ट के अनुसार, करतारपुर कॉरिडोर के ऑडिट में अनियमितता की बात कही गई है।

वहीं, गुलाब देवी लाहौर अंडरपास का नाम बदलकर अब्दुल सत्तार एधी करने और खैबर पख्तूनख्वा में सरकारी कार्यालयों के अंदर सिखों को तलवार ले जाने पर रोक जैसे प्रमुख मामलों का जिक्र है।

नरोवाल के उपायुक्त नबीला इरफ़ान ने पिछले साल दिसंबर में मेजर जनरल कमल अज़फ़र, डीजी, फ्रंटियर वर्क्स ऑर्गनाइजेशन (एफडब्ल्यूओ) को संबोधित एक पत्र में आरोप लगाया है कि संगठन ने करतारपुर कॉरिडोर के धन का दुरुपयोग किया है। साथ ही इसके ऑडिट के लिए जिम्मेदार पाकिस्तान के महालेखा परीक्षक की समिति (पीएसी) सार्वजनिक खातों का दस्तावेज देने से इनकार कर रहा है।

नबील ने यह भी आरोप लगाया है कि डॉ शोएब सलीम एडीसी, नरोवाल द्वारा प्रस्तुत एक रिपोर्ट में अनियमितताएं सामने आई हैं। रिपोर्ट में लगभग 165 करोड़ PKR (पाकिस्तानी रुपया) की राशि की अनियमितताएं हुई हैं। अल अरबिया पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, 7 लाख सीमेंट बैग का बिल जमा किया गया है, जबकि वास्तविक उपयोग लगभग 4.29 लाख सीमेंट बैग का था।

भवनों का आधार 18 फुट की जगह 11.5 फुट गहरा रखा गया है। ईंट भट्ठा मालिक शकरगढ़ से खरीदी गई ईंटें घटिया गुणवत्ता की थीं जबकि बिल अच्छी गुणवत्ता वाली ईंटों का जमा किया गया था।

इसके अलावा, ग्लोबल नोबेल कंपनी जिसे करतारपुर कॉरिडोर का प्रमुख काम दिया गया था, का स्वामित्व एक ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) यूसुफ मिर्जा के पास है, जिसे इसके प्रोजेक्ट अनुबंध देने से सिर्फ तीन दिन पहले गठित किया गया था। अल अरबिया पोस्ट ने इसकी भी जानकारी दी है।

पाकिस्तान में सिखों की दुर्दशा का एक और ज्वलंत उदाहरण 21 दिसंबर को पंजाब सरकार द्वारा गुलाब देवी चेस्ट अस्पताल के सामने स्थित गुलाब देवी अंडरपास का नाम बदलकर अब्दुल सत्तार एधी अंडरपास करना है। इस बात की घोषणा पंजाब के सीएम उस्मान बुजदार ने पुनर्निर्मित अंडरपास का उद्घाटन करते हुए की।

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