अच्छे काम पर हमारी आत्मा परमात्मा में विलीन हो जाएगी, उनकों 72 हूरें मिलेंगी

वाराणसी: प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि हम कोई अच्छा काम करेंगे तो हमारी आत्मा परमात्मा में विलीन हो जाएगी। वह अच्छा काम करेंगे और ऊपर जाएंगे तो हूरें मिलेंगी। यह क्या बात हुई? हमारी संस्कृति से जुड़कर देखो और हमारे पदचिन्हों पर चलकर देखो। उपमुख्यमंत्री शनिवार को काशी आए। एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद उन्होंने पत्रकारों से बात की और कहा कि हमारे यहां बच्चा जब चलना सीखता है तो उसे अच्छी सीख दी जाती है। उसे बताया जाता है कि यदि पैर के नीचे चींटी आ जाए तो राम-राम बोलो। दूसरी तरफ ऐसी विचारधारा के लोग हैं, जिनके बच्चे तीन से छह महीने के होते हैं, तभी से खून खच्चर शुरू हो जाता है। अंतर बिल्कुल साफ है।

सपा प्रमुख पर साधा निशाना, बोले- संभल की घटना की जिम्मेदारी लें

उपमुख्यमंत्री ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर भी निशाना साधा और कहा कि संभल में हुई हिंसक घटना की जिम्मेदारी सपा प्रमुख को लेनी चाहिए। अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की जगह सपा प्रमुख उनके कृत्यों को छुपाने के लिए तरह-तरह के बयान दे रहे हैं। यह ठीक नहीं है। इसकी निंदा की जानी चाहिए। संभल की घटना में भी सपा नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं। सपा में अपराधियों को संरक्षण मिलता है। उनका स्वागत किया जाता है। अब देश-प्रदेश की जनता सपा को जान गई है।

जाति, क्षेत्र की बात करने वाले फूट डालकर वोट लेना चाहते हैं
यदि हम सभी लोग एकजुट हो जाएं तो हमारे देश को विश्व गुरु बनने से कोई रोक नहीं सकता। जो लोग हमारे बीच जाति, क्षेत्र की बात कर रहे हैं, वह सिर्फ फूट डालकर वोट लेना चाहते हैं। सत्ता हासिल करना चाहते हैं। उनका देश के विकास, लोगों के उत्थान से कोई मतलब नहीं है। इस मौके पर आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु””, एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या, सुरेश सिंह, नवीन कपूर, जगदीश त्रिपाठी, गौरव राठी, शैलेंद्र किशोर, अशोक राय समेत अन्य मौजूद रहे।

लोहिया के लोग अब नहीं रहे, सिर्फ सैफई के लोग बचे
उपमुख्यमंत्री ने सपा और कांग्रेस पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि कि अब लोहिया के लोग यहां नहीं रहे, केवल सैफई के लोग बचे हैं। लोकसभा के चुनाव में टिकट तो सैफई के लोग ले गए दूसरे यादव लोग भी नहीं थे। आज जो लोग संविधान की प्रति लेकर घूम रहे हैं, खुद उन्होंने संविधान की हत्या करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

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