ओमिक्रॉन अब तीन हिस्सों में बटा, वैज्ञानिकों ने कहा ऐसा…

कोरोना का सबसे संक्रामक स्वरूप ओमिक्रॉन अब तीन हिस्सों में बंटकर और ज्यादा शक्ति से फैलने लगा है। ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट बीए.1, बीए.2 और बीए.3 हैं, जिनमें से बीए.2 सब-वेरिएंट पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा तेजी से फैल रहा है। ब्रिटिश वैज्ञानिकों का कहना है कि जल्द ही बीए.2 सब-वेरिएंट पूरी दुनिया में ओमिक्रॉन के मूल स्वरूप की जगह ले सकता है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि ओमिक्रॉन के मुकाबले बीए.2 अधिक संक्रामक है इसलिए ब्रिटेन की हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी (एचएसए) ने इसे जांच की श्रेणी में रख दिया है। वैज्ञानिकों की आशंका है कि यह सब-वेरिएंट टीके के प्रभाव और वायरस के अन्य स्वरूपों को भी चमका दे सकता है।

ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद ने बताया है कि दुनियाभर में बीए.2 के करीब आठ हजार मामले सामने आए हैं। भारत और फिलीपींस के साथ डेनमार्क और जर्मनी में इससे संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। वैज्ञानिकों की टीम वायरस के नए स्वरूप पर नजर बनाए हुए है।

अच्छी बात यह है कि बीए.2 की पहचान आसान होगी क्योंकि इसमें स्पाइक-एस जीन नहीं होगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि जीनोम सिक्वेंसिंग के बजाए आरटी-पीसीआर जांच से ही इसकी पहचान हो सकती है। गौरतलब है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट को पहचानने के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग का सहारा लेना पड़ रहा है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि ओमिक्रोन के तीन स्वरूप बीए.1, बीए.2 और बीए.3 है। हालांकि बीए.2 स्वरूप तेजी से ओमिक्रॉन के मूल स्ट्रेन की जगह लेता दिख रहा है। एचएसए का कहना है कि ये पता लगाना संभव नहीं है कि इस रूप की उत्पत्ति कहां से हुई।

इंपीरियल कॉलेज लंदन के महामारी विशेषज्ञ डॉ. टॉम पीकॉक का कहना है कि बीए.2 कोरोना की मौजूदा लहर को प्रभावित नहीं कर पाएगा। अगले कुछ महीने अहम हो सकते हैं, जिसमें ये ओमिक्रॉन के मूल स्वरूप की जगह ले सकता है। यह संक्रमण का प्रमुख कारक भी हो सकता है।

Related Articles

Back to top button