उत्तर कोरिया ने दागी एक और बैलिस्टिक मिसाइल, जापान और अमेरिका के अधिकारियों ने की इसकी निंदा

पिछले हफ्ते एक मिसाइल का परीक्षण करने और इसे सफल बताने के बाद उत्तर कोरिया ने एक और संदिग्ध बैलिस्टिक मिसाइल दागी है. एक दिन पहले ही संयुक्त राष्ट्र की बैठक में अमेरिका समेत 6 देशों ने पिछले परीक्षण की आलोचना की थी.उत्तर कोरिया ने मंगलवार को एक संदिग्ध बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया है. एक सप्ताह से भी कम समय में यह दूसरा मौका है।

जब उत्तर कोरिया ने मिसाइल दागी है. दक्षिण कोरिया, जापान और अमेरिका के अधिकारियों ने इसकी निंदा करते हुए कहा है कि इससे क्षेत्र में अस्थिरता फैलने की खतरा है. दक्षिण कोरिया के संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ ने एक बयान में कहा कि उनका अनुमान है कि संदिग्ध बैलिस्टिक मिसाइल सुबह 7.27 बजे उत्तर कोरिया के एक भीतरी इलाके से इसके पूर्वी तट की ओर समंदर की तरफ दागी गई है.

अमेरिकी सेना की इंडो-पैसेफिक कमांड ने कहा है कि उसे परीक्षण की जानकारी है और वह अपने साथियों के साथ संवाद में है. जापान के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि मिसाइल ने 700 किमी का सफर तय किया और यह जापान के एक्सक्लूसिव इकनॉमिक जोन में गिरी है. जापान सरकार के बयान के मुताबिक उनके किसी विमान या जहाज को नुकसान नहीं पहुंचा है.

परीक्षण ने याद दिलाई किम जोंग की कसम परमाणु हथियारों से लैस उत्तर कोरिया ने पिछले सप्ताह बुधवार को एक हाइपरसॉनिक मिसाइल के परीक्षण का दावा किया था. इससे पहले नए साल के मौके पर उत्तर कोरिया के शीर्ष नेता किम जोंग उन ने अमेरिका और उत्तर कोरिया से बातचीत थमने के बाद सैन्य क्षमता बढ़ाने की बात कही थी.

एसली के मुताबिक, “इसी के साथ उत्तर कोरिया अंतरराष्ट्रीय पाबंदियों को चुनौती भी दे रहा है” संयुक्त राष्ट्र में की गई आलोचना मंगलवार को हुआ यह परीक्षण इस मायने में भी अहम है कि सोमवार को ही अमेरिका ने न्यूयॉर्क में आयोजित संयुक्त राष्ट्र के कार्यक्रम में पिछले सप्ताह हुए परीक्षण की निंदा की है. इस प्रस्ताव में फ्रांस, आयरलैंड, जापान, ब्रिटेन और अल्बानिया भी शामिल थे. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उत्तर कोरिया पर कोई भी बैलिस्टिक मिसाइल या परमाणु परीक्षण न करने की पाबंदी लगा रखी है और इस क्रम में देश पर कई पाबंदियां भी लगाई हैं.
हालांकि, चीन और रूस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के ऊपर उत्तर कोरिया पर लगे प्रतिबंध नरम करने और निर्यात पर लगे प्रतिबंध हटाने का दबाव बना रहे हैं. उत्तर कोरिया का कहना है कि वह सिर्फ तभी बातचीत के लिए तैयार है, जब अमेरिका पाबंदियों और सैन्य अभ्यास जैसी अपनी ‘द्वेषपूर्ण नीतियों’ पर लगाम लगाएगा.

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