पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू को लग सकता है बड़ा झटका, कांग्रेस करने जा रही ऐसा…
पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाने और फिर कैप्टन अमरिंदर सिंह को सीएम पद से हटाने के बाद कांग्रेस पर तीसरा बड़ा और साहसी कदम उठाने की तैयारी में है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी को ही सीएम फेस घोषित किया जा सकता है। यदि ऐसा होता है तो यह सिद्धू कैंप के लिए झटका होगा। नवजोत सिंह सिद्धू ने खुलकर खुद को सीएम घोषित करने की मांग नहीं की है, लेकिन लगातार संकेत जरूर देते रहे हैं। पिछले सप्ताह अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में मत्था टेकने पहुंचे राहुल गांधी ने यह ऐलान किया था कि कांग्रेस सीएम फेस का ऐलान करेगी।
इस बीच रविवार को घोषित उम्मीदवारों की लिस्ट में कांग्रेस ने सीएम चन्नी को दो सीटों चमकौर साहिब और भदौर से उतार दिया है। माना जा रहा है कि पार्टी ने कार्यकर्ताओं का फीडबैक लिया है और इसके अलावा रणनीतिकारों की ओर से भी दबाव था कि सीएम चन्नी की दलितों के बीच अपील है और उसे भुनाने के लिए उन्हें सीएम फेस बनाया जाना चाहिए। पंजाब में सबसे ज्यादा 68 सीटें मालवा क्षेत्र में हैं और यहां दलित मतदाताओं का खासा प्रभाव है। ऐसे में कांग्रेस सीएम चन्नी को चेहरा बनाकर बढ़त लेना चाहती है। फिलहाल किसी खास मौके की तलाश है, जिस दौरान चन्नी के नाम का मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर ऐलान किया जा सके।
आम आदमी पार्टी की ओर से भगवंत मान को सीएम उम्मीदवार बनाया गया है, जो सिख जट हैं। ऐसे में कांग्रेस की कोशिश है कि वह चन्नी को ही चेहरा बनाए ताकि दलित मतदाताओं को लुभा सके। पंजाब में दलित मतदाताओं की आबादी 33 फीसदी के करीब है और यह निर्णायक मतदाता माने जाते हैं। आमतौर पर सिटिंग मुख्यमंत्री को ही चुनाव में सीएम फेस माना जाता है, लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू की ओर से दबाव के चलते पसोपेश की स्थिति बनी हुई थी। यहां तक कि चन्नी के फैसलों के विरोध में सिद्धू ने प्रदेश अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा दे दिया था। काफी मान-मनौव्वल के बाद उन्होंने इसे वापस लिया था।
पंजाब की राजनीतिक लड़ाई इस बार बहुकोणीय हो गई है। आम आदमी पार्टी ने 2017 में ही जोरदार दस्तक दी थी। इस बार वह सत्ता की रेस में है, जबकि कांग्रेस के अलावा अकाली दल और बसपा का गठबंधन भी मजबूती से लड़ रहा है। वहीं भाजपा ने कैप्टन अमरिंदर सिंह और सुखदेव ढींढसा की पार्टी के साथ गठबंधन किया है। इन सभी दलों से अलग किसानों की नई पार्टी संयुक्त समाज मोर्चा भी चुनाव में उतरा है।