नवजोत सिंह सिद्धू को लगा बड़ा झटका, कांग्रेस नहीं करेगी ये कम

पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू खुद को अगले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री उम्मीदवार के तौर पर पेश कर रहे हैं। हालांकि, उनके इस दावे को झटका लगा है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने उन अफवाहों की पुष्टि की है कि कांग्रेस आगामी चुनाव के लिए मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा नहीं करेगी। पंजाब कांग्रेस की प्रचार समिति के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि पार्टी “संयुक्त नेतृत्व” के तहत चुनाव लड़ेगी।

कांग्रेस के इस कदम का उद्देश्य राज्य में जातिगत समीकरणों को संतुलित करना और पार्टी के भीतर अंदरूनी कलह को रोकना है। पंजाब में पार्टी के शीर्ष चेहरे विभिन्न समुदायों से आते हैं, जिसका उद्देश्य सभी चुनावी रूप से महत्वपूर्ण समूहों के वोट बैंक में साथ करके संख्या को मजबूत करना है।

मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी दलित समुदाय से आते हैं। पंजाब कांग्रेस कमेटी के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू एक सिख नेता हैं। वहीं, सुनील जाखड़ एक जाट हैं, जो कि चुनाव प्रचार समिति के प्रमुख भी हैं। इनके अलावा दो उपमुख्यमंत्री (सुखजिंदर सिंह रंधावा जो कि एक जाट सिख हैं और ओपी सोनी जो कि हिंदू समुदाय से हैं) की जोड़ी एक नाजुक संतुलन बनाने की कोशिश करती दिखाई देती है।

पंजाब कांग्रेस इस साल की शुरुआत में पार्टी नेताओं द्वारा खुले विद्रोह के बाद बड़े संकट से गुज़री थी, जो मुख्यमंत्री पद से अमरिंदर सिंह को हटाने के साथ समाप्त हो गया था। तब राज्य को अपना पहला दलित मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के रूप में मिला।

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